मंदिर न्यास कर रहा हिंदी भाषा से मजाक
हिमाचल प्रदेश की मुख्य भाषा हिदी है लेकिन प्रदेश के प्रवेशद्वार मुबारिकपुर से हिदी भाषा से जो मजाक शुरू होता है वो प्रसिद्ध स्थल चिंतपूर्णी तक जारी रहता है।
नीरज पराशर, चिंतपूर्णी
हिमाचल प्रदेश की मुख्य भाषा हिदी है, लेकिन प्रदेश के प्रवेशद्वार मुबारिकपुर से हिदी भाषा से जो मजाक शुरू होता है, वो प्रसिद्ध स्थल चिंतपूर्णी तक जारी रहता है। दरअसल इस क्षेत्र में मंदिर न्यास चिंतपूर्णी ने थोक में सामाजिक संदेश, सूचना और स्वागत के बोर्ड लगाए हैं। हैरत की बात यह है कि हर बोर्ड पर इतनी गलतियां हैं कि हिदी भाषा के साथ खुद मंदिर न्यास भी हास्य का पात्र बन रहा है। हर बोर्ड में लिखे संदेशों में अशुद्धियां हैं। इन बोर्ड को लगाए 10 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है। मंदिर आयुक्त, न्यास के सह आयुक्त के साथ मंदिर अधिकारी इस मार्ग पर नियमित रूप से आते-जाते हैं। विडम्बना यह है कि जो इन बोर्ड पर गलतियां की गई हैं, उन्हें पांचवीं पास विद्यार्थी भी आसानी से ठीक कर सकता है लेकिन इस पर किसी की नजर नहीं जा रही है। इतना ही नहीं इसी सड़क मार्ग पर सिचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाए गए बोर्ड में भी गलतियां हैं। पूर्व मंदिर न्यासी संजीव शर्मा ने कहा कि मंदिर न्यास श्रद्धालुओं के पैसे का दुरुपयोग करता है, लेकिन कोई पूछने वाला नहीं है। जब इन बोर्ड को लिखने के लिए शब्दावली दी होगी तो मंदिर न्यास के किसी अधिकारी की भी जिम्मेदारी तय हुई होगी। अगर यह बोर्ड गलत हैं तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि यह धन के दुरुपयोग के साथ राष्ट्रीय भाषा के अपमान का भी मामला है। इस बारे में मंदिर न्यास के सहायक अभियंता राजकुमार जसवाल ने बताया कि उनके ध्यान में ऐसी कोई बात नहीं है। फिर भी अगर कहीं गलत लिखा गया तो उसे तुरंत ठीक किया जाएगा।