शराब कारोबारी के दफ्तर में दबिश, रिकॉर्ड जब्त
शराब के दो कारोबारियों पर लाखों रुपये की बकायादारी को लेकर चल रहे मामले में विजिलेंस ने बुधवार को सनोली गांव में इन कारोबारियों के कार्यालय में दबिश दी।
जागरण संवाददाता, ऊना : शराब के दो कारोबारियों पर लाखों रुपये की बकायादारी को लेकर चल रहे मामले में विजिलेंस ने बुधवार को सनोली गांव में इन कारोबारियों के कार्यालय में दबिश दी। रिकॉर्ड जब्त कर लिया है। विजिलेंस ने बुधवार को कई घंटे तक शराब कारोबारियों से पूछताछ की। देर शाम को महिला शराब कारोबारी के पति को लेकर उनके ऑफिस में दबिश दी गई। उधर महिला शराब कारोबारी ने भी पूछताछ के दौरान आबकारी एवं कराधान विभाग को भी लपेट लिया है।
शराब कारोबार में आबकारी एवं कराधान विभाग से लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में आरोपितों से करीब आठ घंटे तक पूछताछ हुई। बुधवार सुबह महिला शराब कारोबारी से विजिलेंस ने कई सवाल पूछे। इसमें महिला ने जांच में खुलासा किया कि उन्होंने व उनके सीए ने अपना कारोबार चलाने के लिए भले ही अपने पति को पावर ऑफ अटार्नी दी थी लेकिन कारोबार का पूरा लेखा-जोखा एक अन्य कर्मचारी देख रहा था। उन्हें अपने कारोबार के लेखा-जोखा के बारे में कोई जानकारी नहीं है। विभाग ने 17 महीने में उन्हें केवल एक बार कार्यालय बुलाया था। इस मामले में उन्होंने विभाग के कुछ कर्मचारियों पर लेन-देन के भी आरोप लगाए हैं।
विजिलेंस टीम ने महिला कारोबारी से पूछताछ के बाद उनके पति को भी दोपहर को नोटिस देकर पूछताछ के लिए तलब कर लिया। उनके सनोली गांव के एक कार्यालय में दबिश देकर वहां दस्तावेजों को कब्जे में ले लिया। इस मामले में विभाग के भी एक इंस्पेक्टर से पूछताछ की है। महिला कारोबारी ने विभाग के एक अधिकारी के विदेश दौरे को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। विभाग द्वारा जिन ठेकों की नीलामी बुधवार को निर्धारित की थी उस कार्रवाई के खिलाफ भी महिला शराब कारोबारी के अधिवक्ता की ओर से अदालत में चुनौती दी जा रही है।
बता दें जिले में शराब के दो कारोबारियों पर लाखों की बकायादारी को लेकर आबकारी कराधान विभाग की शिकायत पर विजिलेंस ने आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी को लेकर एफआइआर दर्ज की थी। आरोपित बनाए गए दो शराब के कारोबारियों में से दोनों ने विजिलेंस की जांच ज्वाइन कर ली है। दोनों ही अदालत से अग्रिम जमानत पर हैं। पिछले सप्ताह ही विजिलेंस की टीमों ने इस मामले में एफआइआर दर्ज करने के बाद आरोपितों के ठिकानों पर उनकी तलाश में दबिश भी दी थी। इससे पहले विभाग ने नोटिस जारी किए थे। उनके बैंक खातों को भी फ्रीज किया गया था। अदालत द्वारा 16 सितंबर तक आरोपितों को अंतरिम जमानत दी है।
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यह है मामला
जिले में लाखों रुपये के टैक्स को लेकर गड़बड़ी करने और फर्जी दस्तावेज दिखाकर विभाग से एनओसी हासिल करने के मामले में दो शराब कारोबारियों पर आबकारी एवं कराधान विभाग की शिकायत पर ही विजिलेंस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। इस गड़बड़ी को लेकर जो रिपोर्ट आबकारी एवं कराधान ने तैयार की थी, उसमें बताया गया है कि इन कारोबारियों की कुल लेनदारी करीब दो करोड़ 60 लाख रुपये बनती थी लेकिन उन्होंने विभाग के पास करीब 31 लाख रुपये की राशि ही जमा कराई थी। ऑडिट में जो ऑब्जेक्शन लगा था उसमें कहा गया था कि इन दो फर्म ने जारी चालान रसीद दिखाकर विभाग को गुमराह करने का प्रयास किया है। विभाग की चालान रसीदें और खजाने के रिकॉर्ड का मिलान किया गया तो पाया गया कि इन रसीदों का कोई पैसा खजाने में जमा ही नहीं था। अब जब पड़ताल की गई है तो पाया गया है कि इन फर्मों पर करीब 2 करोड़ 30 लाख रुपये की बकायादारी है।