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इंस्पायर अवार्ड के नामांकन न भेजा तो कार्रवाई

रने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इंस्पायर अवार्ड के अंतर्गत जिले में लगभग 423 स्कूलों का पंजीकरण हुआ है और इस पंजीकरण को ई मायस वेब पोर्टल के अंतर्गत ऑन लाइन प्रक्रिया से किया गया है। इस योजना में नामांकन निशुल्क किया जा रहा है जिसमें अभी तक 2

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Jul 2019 05:26 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jul 2019 06:42 AM (IST)
इंस्पायर अवार्ड के नामांकन न भेजा तो कार्रवाई
इंस्पायर अवार्ड के नामांकन न भेजा तो कार्रवाई

जागरण संवाददाता, ऊना : छात्रों के लिए शुरू किए गए इंस्पायर अवार्ड के लिए निर्धारित समयसीमा के भीतर नामांकन न करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इंस्पायर अवार्ड के अंतर्गत जिले में करीब 423 स्कूलों का पंजीकरण हुआ है और इस पंजीकरण को ई-मायस वेब पोर्टल के अंतर्गत ऑनलाइन प्रक्रिया से किया गया है। योजना में नामांकन निशुल्क किया जा रहा है जिसमें अभी तक 288 स्कूलों ने ही हिस्सा लिया है। जिले के निजी स्कूलों ने बहुत कम नामांकन भेजे हैं। शिक्षा विभाग ने चेतावनी दी है कि जो स्कूल निर्धारित अवधि में नामांकन नहीं करेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -----------------

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क्या है इंस्पायर अवार्ड मानक

राष्ट्रीय स्तर पर यह योजना भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी नई दिल्ली के अधीन आती है। 2014 के बाद योजना को भारत सरकार द्वारा स्टार्ट अप इंडिया के साथ जोड़ा गया है। योजना के अंतर्गत छठी से दसवीं तक किसी भी स्कूल में पढ़ रहे बच्चों से ऑनलाइन प्रक्रिया से नवीनतम विचारों के आवेदन मांगे जाते हैं और इसे जिला प्राधिकरण को भेजा जाता है। जिलास्तर पर नोडल अधिकारी बनाए गए हैं। प्रस्तावित विचारों को राज्यस्तर पर एसईआरटी सोलन के माध्यम से डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी नई दिल्ली व नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन को भेजा जाता है जहां प्रस्तावित विचारों का चयन किया जाता है। चयनित विचारों पर आधारित एंट्री को मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए 10 हजार रुपये प्रति छात्र दिए जाते हैं। ----------------

कैसे बनाए जाते हैं प्रोजेक्ट

प्रथम चरण में प्रोजेक्ट को संबंधित स्कूल के शिक्षक की सहायता से बनाया जाता है। इसे जिलास्तरीय प्रदर्शनी में भेजा जाता है और चयन कमेटी द्वारा उत्कृष्ट प्रोजेक्ट को राज्यस्तरीय प्रदर्शनी में भेजा जाता है। राष्ट्रीय स्तरीय प्रदर्शनी के लिए चयन होने पर उत्कृष्ट संस्थानों जैसे आइआइटी और एनआइटी में मॉडल को और विकसित करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जाता है। कार्यशाला में चयनित बच्चों को भी बुलाया जाता है। -----------------

इन निजी स्कूलों ने नहीं की एंट्री मॉडर्न साइंस अम्ब, स्वदेश मैहतपुर, शिवालिक हिल अम्ब, एसवीएन अम्ब, माउंट व्यू भंजाल, गोकुल मोंटेसरी नैहरी, एसवीएन नैहरी, एसडी पाल्कवाह, वीआर धदियाल, साईं बाबा नंगल जरियालां, सन राइज सलोह, बाल भारती बाथू, एमआइ डीएवी मैहतपुर, रूद्रा बसाल, शांति नकरोह, वशिष्ठ ऊना, डीडीएम गोंदपुर बनेहरा, महर्षि विद्या मंदिर डंगोह, डीएवी कालू दी बड़, माउंट कार्मल रक्कड़, आर्यन सलोह, हिम अकाडमी मरवारी, एसवीएम पंजावर, एसवीएम रायपुर सहोड़ां, शांति निकेतन लठियानी, एसआरटी मैहतपुर, शिवाजी कुरियाला, एसबीएम संतोषगढ़, टैगोर कांगड़, बीडी रायंसरी, डान राम नगर, अजंता लालुवाल, केपीएस चांदपुर, एसबीएस सोहारी, सरस्वती रामपुर, विवेकानंद लालुवाल, गुरु पब्लिक टक्का, हिमालयन कोंवेन्ट भंजाल, दशमेश गुरप्लाह, आदर्श पंडोगा, हिमलेंड बसाल, अभिनव हरोली, स्वस्तिक मलाहत, सोलह सिगी पीपलू, एसबीएस हम्बोली, पार्वती दौलतपुर, पीएमआर रपोह मिसरां, केसी पंडोगा, एसवीएम चिन्तपुरनी, गुरुकुल कटोहर कलां, एएनएम टाहलीवाल शामिल हैं।

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जिन स्कूलों ने अभी तक इंस्पायर अवार्ड के लिए नामांकन नहीं किए हैं वे 31 जुलाई तक नामांकन कर सकते हैं। अगर निर्धारित अवधि में नामांकन नहीं किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। जिन स्कूलों को जानकारी हासिल करनी हैं वे नोडल अधिकारी प्रदीप सिंह से संपर्क कर सकते हैं।

-कमलेश कुमारी, उपनिदेशक उच्च शिक्षा विभाग ऊना।


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