शीतला मंदिर तक सुविधाएं नहीं जुटा पाया प्रशासन
विख्यात धार्मिक स्थल शीतला मंदिर में जहां प्रतिदिन श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ातेरी दर्ज हो रही है वहीं प्रशासनिक उपेक्षा के कारण यहां श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आने वाले दिनों में सावन मेले में श्रद्धालुओं के भारी सैलाब उमड़ने की संभावना है बावजूद अभी तक इस धार्मिक नगरी में मेले को लेकर स्थानीय प्रशासन द्वारा कोईहोम वर्कनहीं किया गया है। मेले में हर वर्ष एक से दो लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं। सुविधाओं के नाम पर पंचायत स्तर पर बनी कमेटी ही मंदिर के इंतजाम देखती है लेकिन अभी तक मंदिर परिसर को छोड़कर शेष क्षेत्र में बहुत कुछ होना बाकी है।
संवाद सहयोगी, चितपूर्णी : धार्मिक स्थल शीतला मंदिर में जहां प्रतिदिन श्रद्धालुओं के आने में बढ़ातेरी हो रही है, वहीं प्रशासनिक उपेक्षा के कारण श्रद्धालुओं को दिक्कत का सामना करना पड़ता है। सावन अष्टमी मेले में श्रद्धालुओं के भारी सैलाब उमड़ने की संभावना है, बावजूद इसके अभी तक प्रशासन ने कोई तैयारी नहीं की है। मेले में हर साल एक से दो लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं। नारी गांव से शीतला मंदिर तक स्ट्रीट लाइटें न होने राहगीरों को रात में अंधेरे में सफर तय करना पड़ता है। सुलभ शौचालय न होने के कारण महिला यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शीतला मंदिर के बस स्टॉप पर वर्षाशालिका के अभाव में धूप व बारिश में खड़े होना पड़ता है। स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर पर एक अस्पताल तो है, लेकिन स्टाफ की कमी से असुविधा होती है। मेले के दौरान सफाई कर्मचारियों के अभाव में गंदगी फैलना भी आम बात है। इस चार किलोमीटर के सफर में सफाई कर्मचारी आम दिनों में नियुक्त नहीं किए जाते हैं। मेले के दौरान बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों के वाहनों को यहीं सड़क पर रोक लिया जाता है, लेकिन पार्किंग सुविधा के अभाव में जाम की स्थिति बनी रहती है। स्थानीय निवासी जयदेव, संजीव कुमार, जीवन कुमार, महेश और वीरेंद्र ने प्रशासन से आग्रह किया है कि मूलभूत सुविधाओं की कमी को शीघ्र पूरा किया जाए। वहीं, कार्यकारी मंदिर न्यास के एसडीओ आरके जसवाल ने बताया कि मेलों में अस्थायी तौर पर स्ट्रीट लाइटें लगवाई जाएंगी व सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी।