स्वास्थ्य व परिवहन सुविधाओं से वंचित गुर्जर बस्ती
चिंतपूर्णी के बधमाणा गांव की गुर्जर बस्ती में समस्याओं की भरमार है।
संवाद सहयोगी, चितपूर्णी : चिंतपूर्णी के बधमाणा गांव की गुर्जर बस्ती में समस्याओं की भरमार है। इन्हें हल करने वाला कोई नहीं है। बस्ती के लिए आज तक सड़क नहीं बन पाई है। जंगल के बीच बसे इस गांव में एक टूटा-फूटा संपर्क मार्ग है, लेकिन वह बारिश होते ही बंद हो जाता है। बरसात के दिनों में अगर कोई बीमार हो जाए तो चारपाई पर डालकर सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। बस्ती में सरकारी सेवाओं के नाम पर एक पैसा खर्च नहीं किया गया है। बस्ती में 20 से ज्यादा घर हैं। नजदीकी स्वास्थ्य उपकेंद्र बधमाणा गांव में है, लेकिन कभी-कभार ही खुलता है। ऐसे में बीमार व्यक्ति को इलाज करवाने के लिए शीतला मंदिर स्थित पीएचसी या चितपूर्णी अस्पताल का रुख करना पड़ता है। परिवहन सुविधा भी नहीं है। एक किलोमीटर की पैदल पगडंडी को पार करने के बाद बधमाणा गांव से सिर्फ एक बस सेवा है। अगर बस छूट जाए या किसी ने बस के समयानुसार नहीं जाना हो तो तीन किलोमीटर का पैदल सफर तय करने जल्लो दी बड़ में आना पड़ता है। उधर पेयजल की किल्लत से ग्रामीणों को लंबे समय तक परेशान होना पड़ा। थक-हार कर गांववासियों ने पेयजल की समस्या से पार पाने के लिए मोटर खुद अपने खर्च से लगवा ली लेकिन इस मोटर के बिजली के बिल का भुगतान खुद करना पड़ता है। स्थानीय निवासी शौकत अली, हसन बीबी, रुकमदीन और मीरा बख्श ने बताया कि वे कई बार प्रशासन से शिकायत कर चुके हैं लेकिन आश्वासनों के सिवाय कुछ नहीं मिला। गांववासियों ने सरकार से प्राथमिकता के आधार पर समस्याओं को हल करने की मांग की है।