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फूलों की तरह है जिंदगी, इसे संभालकर रखना संभव नहीं

शिव मंदिर नैहरियां में श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन भी कई श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना में भाग लेकर कथा का रसपान किया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 May 2019 04:55 PM (IST)Updated: Tue, 14 May 2019 04:55 PM (IST)
फूलों की तरह है जिंदगी, इसे संभालकर रखना संभव नहीं
फूलों की तरह है जिंदगी, इसे संभालकर रखना संभव नहीं

संवाद सहयोगी, अम्ब : शिव मंदिर नैहरियां में श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन भी कई श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना में भाग लेकर कथा का रसपान किया। अतुल कृष्ण महाराज ने कहा कि जीवन में असली धन कभी खोता नहीं सिर्फ उसका विस्मरण होता है। इसी प्रकार नकली धन कभी मिलता नहीं सिर्फ उसके मिल जाने की आशा बंधी रहती है। असली धन परमात्मा है एवं नकली धन संसार है। जिंदगी फूलों की तरह है जिसे संभालकर रखना संभव नहीं है। आदमी बुद्धिमान केवल शास्त्रों से नहीं होता। उसमें वास्तविक बुद्धिमानी का उदय जीवन का शास्त्र अनुभव करने से होता है। प्रभु ने यह जीवन का शास्त्र सबको दिया हुआ है। सबके जीवन का अनुभव एक ही जैसा है पर वे भाग्यशाली हैं जो इसमें से इत्र निचोड़ते हैं। चारों ओर ईश्वरीय सत्ता ही नृत्य कर रही है पर हम उसे कहीं और ढूंढ रहे हैं। मंगलवार को कथा में भगवान कपिल का अवतार, शिव-पार्वती विवाह एवं ध्रुव की भक्ति का प्रसंग सुनाया।

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