बंगाणा,
जीएस जस्सल।
विकास खंड बंगाणा के सैकड़ों परिवार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए राशि स्वीकृत होने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण के तीन साल बीत जाने के बाद भी इन परिवारों के लिए घर बनाने का सपना पूरा नहीं हो पाया है। जिस प्रकार सरकारों द्वारा निर्धन परिवारों के लिए घर का निर्माण करने के लिए राशि स्वीकृत में देरी की जा रही है उससे तो लगता है कि निर्धन परिवारों का घर बनाने का सपना साकार होने में कई वर्ष लग जाएंगे।
विकास खंड बंगाणा में वर्ष 2020 में हुए एक सर्वेक्षण के तहत 2388 निर्धन परिवारों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राशि स्वीकृत करने के लिए पंचायत स्तर पर आवेदन किए थे। पंचायती राज विभाग द्वारा आवेदनों की समीक्षा की गई जिसमें से 1474 परिवार ही योजना के तहत काबिल पाए गए।
40 गरीब परिवारों का ही घर बनाने का सपना पूरा हो पाया
खंड विकास अधिकारी रमेश चंद का कहना है कि हैरत का विषय है कि सर्वेक्षण के तीन साल बीत बाद भी विकास खंड बंगाणा में 40 गरीब परिवारों का ही घर बनाने का सपना पूरा हो पाया है। विकास खंड में इस योजना के तहत 21 घरों का निर्माण किया जा चुका है जबकि शेष घरों के निर्माण का कार्य जारी है। विकास खंड में वर्ष 2022 में मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 12 मकानों का निर्माण किया गया है।
इस योजना में मकान बीपीएल की श्रेणी के लोगों के बनाए गए हैं जबकि 1474 गरीब परिवार तीन वर्ष से मकान के लिए राशि स्वीकृत होने का इंतजार कर रहे हैं। निर्धन परिवार के लोगों में रोष है कि यदि तीन वर्षों में 40 परिवारों को ही राशि की स्वीकृति सरकारों द्वारा दी गई है तो शेष बचे अन्य लोगों के लिए मकान बनाने का सपना कब पूरा होगा।
2022 में पंचायती राज विभाग ने एक सर्वे ग्राम स्तर पर करवाया था व निर्धन लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए आवेदन मांगे थे। उस समय करीब 2500 लोगों ने आवेदन किए थे। उसके बाद सरकार द्वारा एक सर्वेक्षण कराया गया जिसमें 1474 लोग भी मकान की राशि के लिए सरकारी आदेशों के अनुरूप पाए गए। धीरे-धीरे इन लोगों के लिए मकान बनाने के लिए सरकार द्वारा राशि स्वीकृत की जा रही है।
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