प्रतिबंधित दवाओं सहित पकड़े दोषी को 11 वर्ष का कठोर कारावास
स्थानीय अदालत ने एनडीपीएस एक्ट के तहत हरोली के नंगल कलां निवासी व्यक्ति को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोषी को 11 वर्ष कठोर कारावास और एक लाख रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने की सूरत में दोषी को दो वर्ष अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। राज्य की ओर से केस की पैरवी जिला उप न्यायवादी नवीन कुमार धीमान ने की।
संवाद सहयोगी, ऊना : स्थानीय अदालत ने एनडीपीएस एक्ट के तहत हरोली के नंगल कलां निवासी व्यक्ति को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोषी को 11 वर्ष कठोर कारावास और एक लाख रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने की सूरत में दोषी को दो वर्ष अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। राज्य की ओर से केस की पैरवी जिला उप न्यायवादी नवीन कुमार धीमान ने की।
जिला न्यायवादी सोहन सिंह कौंडल ने बताया कि एलडी अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश-टू ऊना रणजीत सिंह ने नंगल कलां निवासी शाम लाल को एनडीपीएस एक्ट के तहत दोषी करार दिया है। मामले में 03-04-2018 को शाम लगभग 5:30 बजे हरोली थाना के तहत पड़ती टाहलीवाल पुलिस चौकी के प्रभारी मदन लाल मदन लाल सहित पुलिस टीम में शामिल एचसी इंद्रजीत सिंह, एचसी नरेश कुमार, एचएचसी राकेश पाल और मंगत राम निजी वाहन और आधिकारिक मोटरसाइकिल के माध्यम से टाहलीवाल के केपी होटल एवं दुकानों के पीछे खनन और गश्त पर रवाना थे। इस दौरान एक टीन शेड के नीचे बालू और कंकड़ के ढेर के किनारे व्यक्ति हाथ में प्लास्टिक की बैग लिए बैठा था। पुलिस टीम को देखकर बैग को छिपाने का प्रयास करने लगा।
पुलिस ने पुख्ता कार्रवाई करने के लिए स्थानीय अन्य प्लास्टिक की कुर्सी का कारोबार करने वाले संपूर्ण सिंह की मौजूदगी में आरोपित से पूछताछ की तो उसने अपना नाम शाम लाल निवासी नंगल कलां बताया। तलाशी लेने पर उसके प्लास्टिक बैग में से प्रतिबंधित लोमोटिल गोलियों की 29 स्ट्रिप्स मिली जिसमें लोमोटिल की 1740 गोलियां पाई गईं। इन गोलियों का वजन 204 ग्राम पाया गया।
मामले में विभिन्न पहलुओं की जांच करने के बाद एसआइ मदन लाल की अगुआई में पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद चार्जशीट कोर्ट में दायर की। केस में उप न्यायवादी नवीन कुमार धीमान ने अभियोजन पक्ष की ओर से केस की पैरवी करते हुए मामले को साबित करने के लिए 12 गवाह पेश किए। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने शाम लाल को दोषी ठहराया और एनडीपीएस अधिनियम की धारा 21 के तहत 11 वर्ष कठोर कारावास तथा एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।