पिता व पति से नहीं, नीलम ने खुद बनाई पहचान
एक समय था जब महिला की पहचान उसके पिता और पति से होती थी, लेकिन
मनमोहन वशिष्ठ, सोलन
एक समय था जब महिला की पहचान उसके पिता और पति से होती थी, लेकिन अब महिलाएं अपनी पहचान खुद बना रही हैं। यही जज्बा लिए सोलन जिला की ममलीग पंचायत के सनेट गांव की 41 वर्षीय नीलम वर्मा ने घर में ही रोजगार के साधन उपलब्ध करवाकर न केवल अपनी वार्षिक आय को लाखों तक पहुंचाया बल्कि छह लोगों को रोजगार भी मुहैया करवाया है। नीलम ने घर में अचार सहित अन्य खाद्य पदार्थो की फैक्टरी खोलकर खुद को बिजनेस वूमन के रूप में स्थापित किया है। पिछले साल शुरू किए व्यापार का एक साल का टर्न ओवर सात से आठ लाख रुपये हो गया है।
नीलम वर्मा ने बताया कि उन्होंने चंबाघाट से अचार, चटनी आदि बनाने का प्रशिक्षण लिया और वर्ष 2014 से घर में इन्हें बनाना शुरू किया। 2017 में टिन नंबर व लाइसेंस आदि औपचारिकता पूरी करने के बाद व्यवसाय बड़े स्तर पर शुरू किया। देना बैंक सोलन से 12 लाख रुपये का लोन लेकर मशीनें स्थापित की और फिर बिजनेस शुरू किया। आज उनके पास छह कर्मचारी हैं। स्थानीय लोगों से सब्जी व चंडीगढ़ से अन्य सामान लेकर कई किस्मों के खाद्य पदार्थ तैयार करती हैं। अचार, जूस, जैम, चटनियां, मुरब्बा व दीवाली के समय पेठा मुख्य प्रोडक्ट है।
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आरएस फूड प्रोडक्ट्स नाम से शुरू किया व्यापार दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। आज प्रोडक्ट की शिमला, किन्नौर, सोलन सहित अन्य जिलों व उत्तराखंड में डिमांड है। खुद प्रोडक्ट की मार्केटिंग करती हूं और अन्य महिलाओं को भी स्वरोजगार के लिए प्रेरित करती हूं। कार्य के लिए पति व बेटे का भी योगदान है। -नीलम वर्मा।