साइट धीमी होने से नहीं भरा जा रहा वैट
सरकार ने सालाना वैट रिटर्न भरने की आखरी तारीख 30 नवंबर रखी है लेकिन साईट धीमे होने के कारण उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ हा है।
संवाद सूत्र, परवाणू : सरकार ने सालाना वैट रिटर्न भरने की आखरी तारीख 30 नवंबर रखी है, लेकिन साइट धीमी होने के कारण व्यापारियों को परेशानी हो रही है। सरकार के सख्त निर्देश हैं कि 30 तारीख के बाद जो भी रिटर्न भरी जाएगी उस पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसी बात को लेकर उद्योगों व व्यापारी वर्ग में रोष है। व्यापारियों का कहना है कि सरकार के धीमे तंत्र के चलते व्यापारियों को जबरन अतिरिक्त जुर्माना लगाया जा रहा है। साइट तीन दिन से बंद पड़ी है या फिर चलती भी है तो बीच में ही रुक जाती है। ऐसे में रिटर्न फाइल नहीं हो पाती और सारी प्रक्रिया नए सिरे से दोहरानी पड़ती है। फाइल अपलोड करने में दो दिन भी लग जाते हैं। व्यापारियों के अनुसार यदि साइट ठीक से चले तो उन्हें वैट भरने में कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि सरकार रिटर्न के लिए कुछ दिन का अतिरिक्त समय दें।
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एक दिन में नहीं भरी जाती रिटर्न
वैट रिटर्न भरने वाले ज्यादातर उद्योगपतियों व व्यापारियों ने सरकार से अतिरिक्त दिन या फिर जुर्माने में छूट की मांग की है। उनका कहना है कि साइट के धीमी होने के कारण एक दिन में रिटर्न भरना कई बार संभव नहीं हो पाता है। उनका कहना है कि रिटर्न भरने के लिए साइट खुलने में अधिक समय लगाती है और खुल भी जाए तो रिटर्न अपलोड नहीं हो पाती। ऐसे में कई बार रिटर्न भरने के लिए एक दिन से अधिक समय भी लग जाता है।
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साइट में किसी तरह की समस्या नहीं है, लेकिन यूजर्स बढ़ने के कारण साइट धीमी हो जाती है। हालांकि सभी व्यापारियों व उद्यमियों को अंतिम तिथि व अन्य सभी नियमों की जानकारी भी दी गई थी। केवल अंतिम तिथि को ध्यान में रखते हुए आखिरी दिन में रिटर्न भरने का प्रयास करते हैं, जिससे साइट पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है। इस कारण साइट धीमी हो जाती है। सभी से आग्रह है की रिटर्न समय से पहले भर दें, ताकि किसी को समस्या का सामना न करना पड़े।
-राकेश शर्मा, संयुक्त आयुक्त आइटी वैट।