उफनती नदियों में दी जा रही मौत की दावत, जान जोखिम में डाल हो रही है मोटी कमाई
अश्विनी खड्ड के बीचोंबीच लोगों ने हट्स स्थापित कर दी हैं, रोजाना 500 से अधिक पर्यटक यहां पहुंचकर नदी के बीच अटखेलियां कर रहे हैं।
सोलन, सुनील शर्मा। ताउम्र न भूले जाने वाले थलौट हादसे ने जहां देशभर में नदियों से दूर रहने का सबक दिया, वहीं उसी प्रदेश के जिला सोलन में इसका कोई असर नजर नहीं। लारजी डैम के तेज बहाव ने 8 जून 2014 को हैदराबाद के 25 लोगों को मौत की नींद सुला दिया था। हादसे के बाद देशभर में इस बात से सबक लिया गया था और नदियों के किनारे चेतावनी बोर्ड लगाए गए और समय समय पर निगरानी रखनी शुरू की। हैरानी यह कि जिला सोलन में इस हादसे का कोई असर नजर नहीं। सोलन से करीब 25 किलोमीटर दूर चायल मार्ग पर स्थित पर्यटन क्षेत्र साधूपुल में इन दिनों मौत को दावत दी जा रही है। यहां अश्विनी खड्ड के बीचोंबीच लोगों ने हट्स स्थापित कर दी हैं, रोजाना 500 से अधिक पर्यटक यहां पहुंचकर नदी के बीच अटखेलियां कर रहे हैं।
मानसून के इस बरसाती मौसम में अगर ऊपरी क्षेत्रों में बारिश होती है तो यह नदी अपना भयानक रूप भी लेती है,लेकिन इस बात से अनजान पर्यटक यहां कुछ लोगों के गुमराह करने पर बेफिक्र होकर मस्ती में डूबे हैं। साधूपुल के इस पिकनिक स्थल पर फिलहाल अब तक कोई हादसा नहीं हुआ है, मगर यह प्रदेश सरकार व प्रशासन का रिवाज रहा है कि पहले हादसा होगा फिर उसके बाद ही कानून व दिशा निर्देश लागू किए जाएंगे।
बुजुर्ग से बच्चे सब शामिल
शिमला से आने वाली इस नदी में किसी भी समय तेज बहाव आने का खतरा बना रहता है। ऐसे हालात में नदी के बीचोंबीच मस्ती के लिए आने वाले बुजुर्ग व बच्चे कभी भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। यहां नदी के साथ साथ बनी हट्स में लोग कुर्सियों पर दिन भर पिकनिक करते हैं और जब मन करता है तब पानी में डुबकी लगा देते हैं।
लूट का भी अड्डा
यहां बनाई गई हट्स में साफ्ट ड्रिंक्स से लेकर खान पान की व्यवस्था की उपलब्ध करवाई जाती है। बाजार में मिलने वाले सभी सामान्य उत्पाद यहां चार गुना दामों पर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। ऐसे में यहां लोग पर्यटकों से खूब कमाई करने में जुटे हैं। साधूपुल में साथ लगती मार्किट में शराब का ठेका भी उपलब्ध है जहां पर्यटकों से मनमाने दाम वसूले जाते हैं और पर्यटक दिन भर नशे में चूर होकर पानी में मस्ती में डूबे रहते हैं।
पानी भी हो रहा प्रदूषित
अश्विनी खड्ड से सोलन शहर को पेयजल आपूर्ति की जाती है। नदी की स्वच्छता के लिहाज से इस तरह की गतिविधियों पर पूर्णतया रोक है, लेकिन फिर भी यहां नियमों की धज्जियां उडाई जा रही हैं। लोग यहां खान पान की सामग्री के साथ खाली बोतलें और सारी गंदगी नदी में फेंक देते हैं, जिससे नदी लगातार प्रदूषित होती जा रही है।
ऐसी कोई अनुमति नहीं : पर्यटन विभाग
जिला पर्यटन अधिकारी विवेक चौहान ने कहा कि साधूपुल खड्ड में किसी भी तरह की हट्स को अनुमति नहीं है। यह अवैध हो सकती हैं। यहां से पहले भी इस तरह की गतिविधियों को हटाया गया था। विवेक चौहान ने कहा कि अगर अब दोबारा वहां ऐसी गतिविधियां की जा रही हैं तो उनके खिलाफ एफआइआर की जाएगी।
जिला प्रशासन को लिखी है शिकायत
आइपीएच आइपीएच विभाग सोलन के एक्सईएन सुमित सूद ने कहा कि अश्विनी खड्ड में इस तरह की गतिविधियों के बारे में जिला प्रशासन को कई बार पत्र लिखा गया है। जिला प्रशासन ने यहां पुलिस व पर्यटन विभाग के साथ मिलकर कार्रवाई भी अमल में लाई थी। अब दोबारा ऐसा है तो इसकी शिकायत फिर लिखी जाएगी।