उम्र छोटी पर दुनिया जीतने की चाहत में तीन बेटियां
पहाड़ी प्रदेश हिमाचल से भी लड़कियां कुश्ती में देश का नाम रोशन करने
रणेश राणा, बद्दी
पहाड़ी प्रदेश हिमाचल से भी लड़कियां कुश्ती में देश का नाम रोशन करने को तैयार हैं। हालांकि प्रदेश में अभी इस खेल के लिए सुविधाओं और प्रशिक्षकों का अभाव है। इसके बावजूद औद्योगिक क्षेत्र बद्दी की प्रेरणा मैहता, खुशी ठाकुर व सलोनी ठाकुर अपने लक्ष्य की ओर कड़ी मेहनत कर आगे बढ़ रही हैं। कबड्डी में प्रदेश ने जरूर नाम कमाया है, लेकिन हिमाचल में कुश्ती को लेकर न ही पुरुषों, न ही लड़कियों में ज्यादा उत्साह देखा गया था।
पड़ोसी राज्य हरियाणा के फोगाट परिवार की तरह बद्दी की तीन बेटियां हालांकि आपस में बहनें नहीं हैं, लेकिन मंजिल व सपना एक ही है ओलंपिक से कुश्ती में मेडल लेकर आना। हिमाचल में कुश्ती के लिए न तो हरियाणा-पंजाब की तर्ज पर सुविधाएं हैं और न ही प्रशिक्षक। फिर भी इन सब चीजों के मलाल से दूर प्रेरणा, खुशी व सलोनी राजस्थान में हुई कुश्ती प्रतियोगिता में धाक जमा चुकी हैं। प्रेरणा मेहता महज 13 वर्ष की है और बद्दी के सरकारी स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ती है। वह जंजैहली व कुनिहार में आयोजित प्रदेशस्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत चुकी है। 14 साल की खुशी ठाकुर बद्दी स्थित घरेड़ स्कूल में नौवीं कक्षा की छात्रा है। खुशी भी प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत चुकी है। वहीं, सलोनी 17 वर्ष की है व जमा दो की पढ़ाई बद्दी से ही कर रही है। सलोनी दिल्ली में हुई राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में कांस्य पदक हासिल कर चुकी है।
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पिता बने द्रोणाचार्य
प्रेरणा मेहता को कोच की कमी नहीं खल रही है, क्योंकि उसके पिता ही उनके गुरु हैं, जो कुश्ती खिलाड़ी रह चुके हैं। ओलंपिक में पदक लाने के जज्बे से प्रेरणा अपने पिता व कोच महेंद्र सिंह मेहता के साथ सुबह चार बजे उठ जाती है और पांच बजे से सात बजे तक खुले मैदान में कड़ा अभ्यास करती है। धुंध व ठंड का उनके ऊपर कोई असर नजर नहीं आता। वहीं खुशी के पिता बेअंत ठाकुर भी अपनी बिटिया को स्वयं ही अभ्यास करवाते हैं। वह बेटी को हरियाणा व पंजाब में भी अभ्यास करवाने के लिए लेकर जाते हैं। प्रेरणा व खुशी व सलोनी तीनों ही पढ़ाई में अव्वल हैं। प्रेरणा मेहता के पिता मोहिंद्र मेहता जो स्कूल में शारीरिक शिक्षा के शिक्षक हैं, ने बताया कि तीनों ही लड़कियां अपने अपने वजन में उत्कृष्ट हैं। तीनों अपने वजन से अधिक वजन व उम्र के पहलवानों को चित कर चुकी हैं।