विवादित मुद्दों पर बातचीत के लिए आगे बढ़ें भारत-पाक
मेरे पिता भारत-पाकिस्तान के बीच मधुर संबंधों के पक्षधर थे और वह हमेशा चाहते थे कि दोनों देशों के बीच बातचीत हो।
मनमोहन वशिष्ठ, सोलन
'मेरे पिता भारत-पाकिस्तान के बीच मधुर संबंधों के पक्षधर थे और वह हमेशा चाहते थे कि इसके लिए दोनों देशों के बीच बातचीत हो'। यह कहना था महान लेखक खुशवंत सिंह के पुत्र व लेखक राहुल सिंह का। वर्चुअल हुए 10वें खुशवंत सिंह लिटफेस्ट के समापन पर राहुल सिंह ने कहा कि कसौली में आयोजित शुरू के तीन खुशवंत सिंह लिटफेस्ट में पाकिस्तान के साहित्यकार आते थे, लेकिन फिर उसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव के कारण वहां से साहित्यकार नहीं आ पाए। हालांकि उनके सत्र के दौरान कसौली क्लब में हाउसफुल रहता था व सेना के जवान अधिकारी उनसे सवाल-जबाव करते थे।
राहुल सिंह ने कहा कि यहां गुडविल एंबेसडर के तौर पर उनके आने के लिए भी केंद्र सरकार को अनुमति के लिए लिखा था। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों को विवादित मुद्दों पर बातचीत के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने विश्वास जताया कि अगले वर्ष कसौली में पहले की तरह लिटफेस्ट होगा, जहां सब व्यक्तिगत तौर पर मिलेंगे। इससे पहले अंतिम दिन के दो सत्र आयोजित किए गए, जिसको मधुर सिंह ने होस्ट किया। 'क्लोज एनकाउंटर विद ए फायरब्रांड फेमिनिस्ट' विषय पर देवकी जैन ने वक्ता व जायती घोष ने मध्यस्थ के तौर पर चर्चा की। उसके बाद 'द नटमेग्स कर्ज : ए प्लानेट क्राइसिस' पर लेखक अमिताभ घोष ने बतौर स्पीकर, जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने देश में जलवायु परिवर्तन, प्रवासी संकट व अन्य विषयों पर चर्चा की।
इससे पहले दूसरे दिन अलग-अलग विषयों पर तीन सत्र आयोजित किए गए। दूसरे दिन के सत्र को इंदिरा चंद्रशेखर ने होस्ट किया। फिल्म निर्माता-लेखक ताहिरा कश्यप खुराना ने 'मदरहुड' पर लिखी अपनी पुस्तक 'द 7 सिन्स आफ बीइंग ए मदर' पर चर्चा की। उनके साथ नानिता कालरा ने चर्चा में भाग लिया। दूसरे सेशन में 'रायल, रेबेल्स एंड द सिख एम्पायर' विषय पर चर्चा हुई। इसमें प्रिया अटवाल और एलेनोर नेसबिट्ट व सर्बजीत सिंह ने चर्चा में भाग लिया। वहीं 'अफगानिस्तान : द लान्ग वार' विषय पर डेविड लायन, सुहासिनी हैदर ने चर्चा की।