स्वाइन फ्लू से व्यवस्था तोड़ रही दम
जिला भर में जहां स्वाइन फ्लू के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं ।
संवाद सहयोगी, सोलन : जिलेभर में जहां स्वाइन फ्लू के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। दूसरी तरफ अब स्वाइन फ्लू की पुष्टि के लिए केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (सीआरआइ) कसौली में टेस्ट होना भी बंद हो गए हैं। इससे लोगों की मुश्किलें और अधिक बढ़ सकती हैं। जोनल अस्पताल से अब मरीजों से लिए नमूनों को जांच के लिए आइजीएमसी शिमला भेजा जा रहा है।
बताया जा रहा है कि सीआरआइ कसौली में टेस्ट के लिए प्रयोग होने वाले री एजेंट के खत्म होने से यह समस्या आई है, लेकिन इससे अब मरीजों को परेशानी में डाल दिया है। सोलन जिले में अभी तक स्वाइन फ्लू के 21 मामले सामने आए हैं, जिसमें एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है, जबकि मौसम की बदलते अंदाज के चलते इन मामलों में बढ़ोतरी से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
वहीं, शिमला में जांच के दौरान सोमवार को आइजीएमसी से दो मामलों में स्वाइन फ्लू होने की पुष्टि होने के बाद विभाग अलर्ट है, लेकिन इसकी जांच की कोई सही व्यवस्था सोलन में नहीं है। इससे पहले प्रभावित के सैंपल सीआरआइ कसौली भेजे जा रहे थे, लेकिन सीआरआइ में री एजेंट खत्म होने के कारण अब शिमला आइजीएमसी में सैंपल भेजे जा रहे हैं उसके बाद ही इस बीमारी का पता लगता है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि सीआरआइ कसौली में स्वाइन फ्लू के टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं, लेकिन आइजीएमसी शिमला में यह टेस्ट हो रहे हैं। सोलन में स्वाइन फ्लू की दवा समुचित मात्रा में उपलब्ध है। इससे भयभीत न हों और समीप के स्वास्थ्य केंद्र में आवश्यकता पड़ने पर तुरंत परामर्श लें।
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निजी लैब में महंगा होता है टेस्ट
स्वाइन फ्लू की पुष्टि करने के लिए सीपीआर टेस्ट किया जाता है। निजी अस्पतालों में यह टेस्ट पांच से छह हजार रुपये में होता है। वर्तमान में सरकार द्वारा यह टेस्ट नि:शुल्क किया जा रहा है, लेकिन सीआरआइ में टेस्ट न होने के कारण जिला सोलन, सिरमौर व शिमला के दूरदराज क्षेत्रों के लोगों को दिक्कत हो रही है।
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इस प्रकार बचें स्वाइन फ्लू से
स्वाइन फ्लू विशेष प्रकार के एच1 एन1 वायरस से फैलता है। यह बीमारी इस वायरस से ग्रसित व्यक्ति के संपर्क में आने पर भी हो सकती है। लोगों से आग्रह किया है कि वे बुखार, खांसी, सिरदर्द जैसे लक्षण दिखने पर समीप के स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक से अवश्य परामर्श लें। बुखार, खांसी, सिरदर्द, गला दुखना, नाक बहना, बदन दर्द, थकान, सांस लेने में कठिनाई तथा उल्टियां व दस्त होने की स्थिति में चिकित्सक से परामर्श लिया जाना जरूरी है। खांसते समय मुंह एवं नाक को रुमाल से ढंक कर रखें।