Move to Jagran APP

'संजू' की सफलता पर हिमाचल में खुशी, लारेंस स्कूल सनावर के छात्र रहे हैं संजय दत्त

संजय दत्त 1966 से 1977 तक लारेंस स्कूल सनावर के छात्र रहे हैं। स्कूल से पास आउट होने के बाद भी कई बार वह स्कूल आते रहे हैं।

By Edited By: Published: Tue, 03 Jul 2018 07:30 PM (IST)Updated: Wed, 04 Jul 2018 04:41 PM (IST)
'संजू'  की सफलता पर हिमाचल में खुशी, लारेंस स्कूल सनावर के छात्र रहे हैं संजय दत्त
'संजू' की सफलता पर हिमाचल में खुशी, लारेंस स्कूल सनावर के छात्र रहे हैं संजय दत्त

सोलन, मनमोहन वशिष्ठ। शानदार अभिनय से करोड़ों लोगों को अपना दीवाना बनाने वाले अभिनेता संजय दत्त की बायोपिक फिल्म 'संजू' सिनेमाघरों में धूम मचा रही है। सोलन में भी दर्शकों में खासा उत्साह है। संजू के हर शो फुल जा रहे हैं। संजय दत्त का हिमाचल से भी गहरा नाता है। उनकी शिक्षा कसौली के प्रतिष्ठित द लारेंस स्कूल सनावर से हुई है। उनके जीवन पर बनी फिल्म को लेकर उनके स्कूल व ओल्ड सनारियन में भी खुशी है।

loksabha election banner

संजय दत्त 1966 से 1977 तक लारेंस स्कूल सनावर के छात्र रहे हैं। स्कूल से पास आउट होने के बाद भी कई बार वह स्कूल आते रहे हैं। 2006 में स्कूल फाउंडर्स डे पर भी संजय दत्त चीफ गेस्ट बनकर आए थे। 1982 बैच की ओएस व सनावर स्कूल की डिप्टी हेड टीचर शोनू मुखर्जी का कहना है कि सनावर में वह संजय दत्त की काफी जूनियर थी। संजय स्कूल में आम बच्चों की तरह ही रहते थे। वह बहुत ही अच्छे इंसान है। स्कूल को भी नाज है कि उसके स्टूडेंट की लाइफ पर फिल्म बनी है। 86 बैच के ओएस व अभिनेता बिक्रमजीत कंवरपाल ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी है कि संजय दत्त पर फिल्म बनी है। संजय दत्त एक सुपरस्टार होने के साथ ही बहुत ही दरियादिल इंसान हैं। ओल्ड सनारियन से वह अपने परिवार की तरह मिलते हैं।

स्कूल के मोटो नेवर गिव इन को साबित कर दिया। इतना सब होने के बावजूद निराश नहीं हुए और आज भी सुपरस्टार हैं। 88 बैच के ओएस व अभिनेता आशीष कौल ने कहा कि संजू फिल्म संजय दत्त के जीवन को दर्शाती है। संजय दत्त सच्चे सनारियन हैं। हमारे स्कूल का जो नेवर गिव इन मोटो है वह उन पर फिट हैं। वह एक महान अभिनेता है जो हर दिल अजीज हैं। 87 बैच के ओएस व फिल्म निर्देशक इकबाल रिजवी ने कहा कि मैं सनावर स्कूल संजू भैया की बदौलत गया, क्योंकि उनकी मां नरगिस दत्त व मेरी मां शम्मी आटी दोनों दोस्त थीं। 1977 में मैंने स्कूल ज्वॉइन किया उसी वर्ष संजय दत्त पास आउट हुए थे।

वह स्कूल में एक आम स्टूडेंट की तरह ही रहते थे। 81 बैच के ओएस व वायु सेना से रिटायर्ड ग्रुप कैप्टन डॉ. साजन सेठी का कहना है कि वह संजय दत्त के जूनियर थे। वह एक आम इंसान की तरह लाइफ जीते थे, उनमें ये घमंड नहीं था कि उनके माता-पिता सुपरस्टार हैं। उनके जीवन पर बनी फिल्म से खुश हूं। गर्व है कि हम भी उसी स्कूल का हिस्सा रहे हैं जहां से वह पढ़े हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.