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Solan News: विभाग की सुस्ती से शराब की ट्रैक एंड ट्रेस पालिसी लागू करने में देरी, 80% हो पाया कार्य पूरा

शराब की ट्रैक एंड ट्रेस पालिसी लागू करने में देरी हो रही है। प्रदेश सरकार की नए वित्त वर्ष अप्रैल 2023 से पालिसी लागू करने की योजना थी लेकिन अप्रैल डाटा आनलाइन करने में लग गया। पालिसी को लागू करने के लिए 80 प्रतिशत कार्य ही पूरा हो पाया।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaPublished: Tue, 09 May 2023 12:54 PM (IST)Updated: Tue, 09 May 2023 12:54 PM (IST)
Solan News: विभाग की सुस्ती से शराब की ट्रैक एंड ट्रेस पालिसी लागू करने में देरी, 80% हो पाया कार्य पूरा
विभाग की सुस्ती से ट्रैक एंड ट्रेस पालिसी लागू करने में देरी

सोलन, विनोद कुमार: राज्य कर एवं आबकारी विभाग की सुस्ती के कारण प्रदेश में शराब की ट्रैक एंड ट्रेस पालिसी लागू करने में देरी हो रही है। प्रदेश सरकार की नए वित्त वर्ष अप्रैल 2023 से पालिसी लागू करने की योजना थी, लेकिन अप्रैल डाटा आनलाइन करने में लग गया। पहली मई से राज्य कर एवं आबकारी विभाग के आधुनिक तकनीक से लैस पोर्टल पर शराब के सभी परमिट व भुगतान आनलाइन शुरू हो गया है।

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पालिसी को लागू करने के लिए 80 प्रतिशत कार्य ही पूरा हो पाया

शराब उद्योगों में लगने वाली हालमार्क की मशीनें फरवरी में पहुंच गई थीं और मार्च में ट्रायल हो चुका है, लेकिन अब उद्योगों में मशीनों को चलाने का कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। विभाग ने साफ्टवेयर व मोबाइल एप्लीकेशन बनाने का कार्य हैदराबाद की एक आइटी कंपनी को दिया था। पालिसी को लागू करने के लिए 80 प्रतिशत कार्य ही पूरा हो पाया है। ऐसे में कुछ माह का इंतजार करना होगा।

सोलन जिले में पांच शराब उद्योग हैं। इनमें से चार उद्योगों में ही शराब का उत्पादन होता है। इनमें शराब की बोतलों में होलमार्क लगाने के लिए मशीनरी स्थापित कर दी गई है। पालिसी लागू होने के बाद बोतलों पर लगे हालमार्क को स्कैन कर कोई भी शराब की गुणवत्ता को जांच सकेगा। विश्व बैंक की ट्रैक एंड ट्रेस योजना पर एक वर्ष से अधिक समय से कार्य चल रहा है।

बोतल बनने के बाद जानकारी रहेगी आनलाइन

आनलाइन पोर्टल पर शराब उत्पादन से बिक्री तक की जानकारी उपलब्ध रहेगी। शराब की पेटियों पर भी उत्पादन के बाद हालमार्क लगेगा। बैच नंबर और कहां उसे बनाया गया है सहित बोतल को किस होल सेलर को बेचा, इसकी जानकारी आनलाइन रहेगी। हर बोतल का आनलाइन पंजीकरण होगा। इसके लिए अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। ट्रेसिंग के लिए डिस्टिलरी में विशेष मशीनें लगाई गई हैं, जहां पर बोतलों को स्कैन किया जाएगा। इसमें विशेष नंबर लगे होंगे, जिससे रिकार्ड सीधा आबकारी विभाग के पास आ जाएगा।

ट्रैक एंड ट्रेस पालिसी पर काम चल रहा है। जल्द इसे धरातल पर उतारा जाएगा। सोलन जिले के शराब उद्योगों में हालमार्क लगाने की मशीनरी स्थापित होने के बाद ट्रायल हो गया है। पहली मई से विभाग ने पोर्टल पर सारा डाटा आनलाइन कर दिया है। अब परमिट जारी करने से लेकर सभी भुगतान भी आनलाइन माध्यम से होंगे। -देवकांत पी खाची, उप आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी विभाग सोलन।


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