यहां किताबें इतनी की रखने को नहीं मिल रहा स्थान
सोलन शहर में प्रदेश की एकमात्र सेंट्रल स्टेट लाइब्रेरी स्थित है और साथ ही पुराने उपायुक्त कार्यालय में बुक हब की स्थापना जिला प्रशासन द्वारा की गई है। इसमें दिनभर युवाओं का जमघट लगा रहता है और वे अपने साथियों के साथ मिलकर किताबें पढ़ने में व्यस्त रहते हैं। विडंबना यह है कि प्रदेश का एकमात्र केंद्रीय राज्य पुस्तकालय (सेंट्रल स्टेट लाइब्रेरी) सोलन सरकार व विभाग की उपेक्षा का शिकार हो रहा है। करीब छह दशक पूर्व खोला गया यह पुस्तकालय अभी भी किराये के भवन में चल रहा है। इस पुस्तकालय में स्थान के अभाव के कारण जहां कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही है। हैरानी की बात यह है कि इस पुस्?तकालय में लंबे समय से पुस्?तकें एकत्रित होती रही लेकिन स्?थान वही रहा। अब ऐसे में हालात यह पैदा हो चुके हैं कि लाइब्रेरी में किताबें तो खूब हैं लेकिन उन्?हें रखने का कोई स्?थान
जागरण संवाददाता, सोलन : सोलन शहर में प्रदेश की एकमात्र सेंट्रल स्टेट लाइब्रेरी स्थित है। साथ ही पुराने उपायुक्त कार्यालय में बुक हब की स्थापना जिला प्रशासन द्वारा की गई है। इसमें दिनभर युवाओं का जमघट लगा रहता है और वे अपने साथियों के साथ मिलकर किताबें पढ़ने में व्यस्त रहते हैं।
विडंबना यह है कि प्रदेश का एकमात्र केंद्रीय राज्य पुस्तकालय (सेंट्रल स्टेट लाइब्रेरी) सोलन सरकार व विभाग की उपेक्षा का शिकार हो रहा है। करीब छह दशक पूर्व खोला गया यह पुस्तकालय अभी भी किराये के भवन में चल रहा है। इस पुस्तकालय में स्थान के अभाव के कारण जहां कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही है। हैरानी की बात यह है कि इस पुस्तकालय में लंबे समय से पुस्तकें एकत्रित होती रही, लेकिन स्थान वही रहा। अब ऐसे में हालात यह पैदा हो चुके हैं कि लाइब्रेरी में किताबें तो खूब हैं। लेकिन उन्हें रखने का कोई स्थान उपलब्ध नहीं है। साठ वर्षो से लाइब्रेरी :
सोलन के माल रोड पर वर्ष 1959 में खोला गया मोती लाल नेहरु केंद्रीय राज्य पुस्तकालय अपने भवन व सुविधाओं के अभाव में आंसू बहा रहा है, लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। पुस्तकालय को अपना भवन तक नसीब नहीं हो सका।
डेढ़ लाख किताबें पर रखने की जगह नहीं
पुस्तकालय के मेन सेक्शन व चिल्ड्रन सेक्शन को मिलाकर लगभग डेढ़ लाख किताबों का संग्रह है। इनमें से कुछ किताबें व संग्रह तो दुर्लभ हैं, लेकिन इन किताबों को बेहतर ढंग से डिस्पले करने के लिए भवन में स्थान का अभाव है। हालत यह है कि अलमारियों की कमी के चलते अब मजबूरन इन किताबों के ढेर लगाकर रखना पड़ रहा है। स्टॉफ भी उपलब्ध नहीं
पुस्तकालय में पिछले कई वर्ष से चीफ लाइब्रेरियन का पद भी रिक्त पड़ा है। इसके अलावा दो पद लाइब्रेरियन, दो पद असिस्टेंट लाइब्रेरियन सहित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद भी रिक्त पड़े हैं।
वहीं, पुराने उपायुक्त कार्यालय में स्थित बुक हब की स्थापना करीब डेढ़ वर्ष पूर्व की गई थी, लेकिन देखते ही देखते इस स्थान पर पाठकों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है।
यहां स्थापित यह पुस्तकालय 24 घंटे चलाया जाता है। लेकिन सुविधाओं का अभाव है।