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कांग्रेस की एकता या भाजपा के गठजोड़ पर मुहर आज

सोलन नगर निगम की दो हॉट सीटों के लिए कांग्रेस पार्षदों की एकजुटता क

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 07:08 AM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 07:08 AM (IST)
कांग्रेस की एकता या भाजपा के गठजोड़ पर मुहर आज
कांग्रेस की एकता या भाजपा के गठजोड़ पर मुहर आज

मनमोहन वशिष्ठ, सोलन

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सोलन नगर निगम की दो हॉट सीटों के लिए कांग्रेस पार्षदों की एकजुटता काम आती है या भाजपा गठजोड़ की राजनीति करके बाजी मारने में सफल होती है, इसका फैसला आज होगा। शुक्रवार को महापौर व उपमहापौर के चयन के लिए बैठक रखी गई है। 17 सदस्यीय नगर निगम में हॉट सीटों के लिए बहुमत का आंकड़ा नौ चाहिए जो कांग्रेस ने चुनाव में छू लिया था। भाजपा के पास सात व भाजपा के ही पूर्व कार्यकर्ता निर्दलीय पार्षद के तौर चुनाव जीता है। ऐसे में भाजपा का भी कुल मिलाकर आंकड़ा आठ हो जाता है।

हालांकि कांग्रेस के चुनाव प्रभारी राजिद्र राणा हैं। वह राजनीति के माहिर खिलाड़ी हैं। ऐसे में भाजपा कांग्रेस के पार्षदों में सेंध लगा पाएगी यह नजर होता नहीं दिख रहा। क्योंकि चुनाव में ही उनकी मैनेजमेंट व रणनीतिक कुशलता के चलते सोलन के सबसे बडे़ नेता डा. राजीव बिदल, स्वास्थ्य मंत्री डा. राजीव सैजल व सीएम जयराम ठाकुर के अलावा निगमों बोर्डों के अध्यक्षों की फौज चुनाव में उतरने के बाद निगम की सत्ता में काबिज होने में सफल नहीं हुए। हालांकि कांग्रेस ने बेशक बहुमत का आंकड़ा छू लिया हो, लेकिन भाजपा ने भी अभी तक नगर निगम की सत्ता के लिए हॉट सीट की आस छोड़ी नहीं है। 13 अप्रैल को सोलन नगर निगम कार्यालय में नवनिर्वाचित पार्षदों के लिए शपथ ग्रहण कार्यक्रम रखा गया था, लेकिन भाजपा के सात व एक निर्दलीय पार्षद ने इससे दूरी बनाए रखी और कांग्रेस ने अपने नौ पार्षदों के साथ शपथ ली थी। 17 में से 13 का कोरम न होने के चलते दोनों सीटों का चुनाव नहीं हो पाया था। लिहाजा अतिरिक्त उपायुक्त ने 16 अप्रैल के दिन इसके लिए बैठक रखी थी।

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पूनम ग्रोवर का महापौर बनना तय

सोलन नगर निगम के पहले महापौर के रूप में कांग्रेस पार्षद व नगर परिषद की चेयरपर्सन रह चुकी पूनम ग्रोवर का बनना तय है। इसके अलावा उपमहापौर के लिए सोलन ब्लॉक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सरदार सिंह ठाकुर, पूर्व मनोनीत पार्षद राजीव कौड़ा व पहली बार पार्षद बने अभय शर्मा दावेदार हैं। अब इनमें से कांग्रेस आलाकमान किस पर बाजी खेलती है यह बैठक में ही पता चलेगा। ढाई साल के लिए महापौर का पद आरक्षित है और उसके बाद अनारक्षित हो जाएगा। ऐसे में पार्टी किसी को ढाई वर्ष बाद महापौर के पद के लिए मान मनौव्वल भी कर सकती है।

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शिमला के नजदीक होटल में रखे हैं कांग्रेस पार्षद

कांग्रेस ने अपने पार्षदों को शिमला के नजदीक एक होटल में रखा हुआ है। कांग्रेस को भी डर है कि भाजपा उनके पार्षदों को तोड़ने में सफल न हो जाए। हालांकि दल बदल कानून होने के चलते सदस्यता जाने का भी डर है, ऐसे में दलों को क्रॉस वोटिग का भी डर है। बैठक में यदि भाजपा दोनों सीटों के लिए अपनी दावेदारी रखती है तो फिर वोटिग होगी और यदि दावेदारी नहीं जताई तो सहमति के साथ ही कांग्रेस दोनों पदों पर बैठने में कामयाब होगी।


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