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Solan: दिल्ली की जगह अब धर्मपुर में हो रहे टीबी रोगियों के लिक्विड कल्चर टेस्ट, 42 दिनों में मिल रही रिपोर्ट

Solan News अब प्रदेश के टीबी रोगियों के लिक्विड कल्चर टेस्ट दिल्‍ली की जगह धर्मपुर में हो रहे हैं। 90 दिन की जगह अब 42 दिनों में टेस्‍ट की रिपोर्ट मिलेगी। सबसे ज्यादा सुविधा ये है कि 42 दिनों में रिपोर्ट आने से जल्द ही ईलाज शुरू होगा।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaPublished: Tue, 23 May 2023 09:27 AM (IST)Updated: Tue, 23 May 2023 09:27 AM (IST)
Solan: दिल्ली की जगह अब धर्मपुर में हो रहे टीबी रोगियों के लिक्विड कल्चर टेस्ट, 42 दिनों में मिल रही रिपोर्ट
दिल्ली की जगह अब धर्मपुर में हो रहे टीबी रोगियों के लिक्विड कल्चर टेस्ट

सोलन, मनमोहन वशिष्ठ: प्रदेश के क्षयरोग के बिगड़े हुए रोगियों के लिक्विड कल्चर टेस्ट के लिए बलगम के सैंपल परीक्षण की सुविधा अब दिल्ली की जगह प्रदेश के नोडल ड्रग रेसिस्टेंट टीबी सेंटर धर्मपुर में शुरू हो गई है। लिक्विड कल्चर टेस्ट में बलगम के सैंपल परीक्षण के बाद पता चलता है कि टीबी के बिगड़े रोगियों में किटाणु कितना प्रभावी है और उसको निष्क्रिय करने के लिए कौन सी दवाई मरीज को दी जानी है।

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पूरे प्रदेश से बलगम के सैंपल अब दिल्ली की जगह धर्मपुर में परीक्षण के लिए आ रहे हैं। पहले लिक्विड कल्चर टेस्ट के लिए रोगियों के सैंपल दिल्ली की लैब में जाते थे, जहां से रिपोर्ट आने में वक्त लग जाता था, लेकिन अब यहां टेस्ट की सुविधा से आधे समय में रिपोर्ट मिल रही है। स्वास्थ्य विभाग ने टीबी सेंटर धर्मपुर में लिक्विड कल्चर टेस्ट के लिए लैब स्थापित करने के बाद यह सुविधा शुरू कर दी है।

90 की जगह 42 दिनों में मिलेगी रिपोर्ट

अभी तक इस टेस्ट के सैंपल दिल्ली स्थित लैब में भेजे जा रहे थे, जहां पर देश के अन्य राज्यों से भी सैंपल परीक्षण के लिए आते हैं। इस कारण टेस्ट की रिपोर्ट आने में 90 दिनों का लंबा समय लग जाता था। लिहाजा ईलाज करने में भी समय लगता था। इस कारण धर्मपुर में लिक्विड कल्चर टेस्ट शुरू करने की मांग कई वर्षों से चली आ रही थी। लिहाजा विभाग ने यहां पर आधुनिक मशीनें लगाकर टेस्ट की सुविधा शुरू कर दी है।

अभी तक हुए 865 टेस्ट

नोडल ड्रग रजिस्टेंट टीबी सेंटर धर्मपुर के जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. सतीश पुंडीर ने बताया कि लिक्विड कल्चर टेस्ट की सुविधा शुरू होने से प्रदेश के उन रोगियों को लाभ मिल रहा है, जिनका टीबी रोग बिगड़ जाता था। ऐसे में इस टेस्ट से यह पता लगाया जाता है कि रोगी में किटाणु कितना फैल चुका है और उसको निष्क्रिय करने के लिए कौन सी दवाई शुरू करनी है।

हिमाचल से इस टेस्ट के लिए सैंपल दिल्ली जाते थे, जिससे वहां समय लग जाता था। धर्मपुर में अभी तक प्रदेश भर से 865 सैंपलों के परीक्षण हो चुके हैं। सबसे ज्यादा सुविधा ये है कि 42 दिनों में रिपोर्ट आने से जल्द ही ईलाज शुरू होगा।


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