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देसी गाय से बढ़ेगी किसान की आय

प्रदेश सरकार देसी गाय की खरीद को बढ़ावा देने के लिए शीघ्र ही प्रावधान करने जा रही है। किसानों को देसी गाय खरीदने के लिए 25 हजार रुपये का उपदान दिया जाएगा। देसी गाय कृषि के साथ साथ किसान की आय वृद्धि में भी सहायक बनेगी। यह जानकारी राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने शुक्रवार को डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विवि नौणी में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती पर आयोजित किसान परिचर्चा के दौरान किसानों को संबोधित करते हुए दी। उन्होने किसानों से आहवान किया कि वह प्राकृतिक खेती को समर्पण एवं ईमानदारी के साथ अपनाएं ताकि उत्पादन एवं भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़े। उन्होने कहा कि अनुसंधानों ने यह सिद्ध किया है कि प्राकृतिक खेती भूमि की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाती है व मानव के स्वास्थ्य की रक्षा करती है। उन्होंने कहा कि वे प्राकृतिक कृषि के

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Jan 2019 05:32 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jan 2019 05:32 PM (IST)
देसी गाय से बढ़ेगी किसान की आय
देसी गाय से बढ़ेगी किसान की आय

संवाद सहयोगी, सोलन : प्रदेश सरकार देसी गाय की खरीद को बढ़ावा देने के लिए शीघ्र ही प्रावधान करने जा रही है। किसानों को देसी गाय खरीदने के लिए 25 हजार रुपये का उपदान दिया जाएगा। देसी गाय कृषि के साथ-साथ किसान की आय वृद्धि में भी सहायक बनेगी। यह जानकारी राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने शुक्रवार को डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विवि नौणी में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती पर आयोजित किसान परिचर्चा के दौरान किसानों को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वह प्राकृतिक खेती को समर्पण एवं ईमानदारी के साथ अपनाएं, ताकि उत्पादन एवं भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़े। उन्होंने कहा कि वह 25 वर्ष तक रसायनिक खाद युक्त कृषि एवं जैविक खेती करने के उपरांत प्राकृतिक खेती की ओर प्रवृत हुए तथा इसके परिणाम ने उन्हें किसानों को प्राकृतिक खेती की दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक कृषि प्रकृति के मूल तत्वों मूलत: देसी गाय पर निर्भर है। इसके लिए प्रयोग में लाए जाने वाले अन्य तत्व भी प्रकृति से ही लिए गए हैं। देसी गाय के मात्र एक ग्राम गोबर में 300 करोड़ से अधिक लाभदायक जीवाणु पाए जाते हैं। यह जीवाणु भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाते हैं। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे पदमश्री डॉ. सुभाष पालेकर द्वारा प्रचारित प्राकृतिक खेती की विधि अपनाएं। नौणी विवि के कुलपति डॉ. एचसी शर्मा ने मुख्यातिथि का स्वागत किया। इस अवसर पर बिलासपुर के प्राकृतिक खेती कर रहे कृषक ब्रह्म दास, शिमला के रोहड़ू के कृषक अनिल चौहान, ठियोग के कृषक संदीप शर्मा, सिरमौर के नाहन के कृषक ह¨रद्र ¨सह, पावंटा साहिब की कृषक जस¨वद्र कौर, ऊना के बंगाणा के कृषक मंजीत ¨सह, सोलन के नालागढ़ के कृषक श्याम लाल, बद्दी के लोधीमाजरा की किसान रक्षा देवी व गंभरपुल के किसान शेर ¨सह ने इस विषय पर अपने अनुभव साझा किए। इस अवसर पर निदेशक कृषि देशराज शर्मा, उपायुक्त सोलन विनोद कुमार, पुलिस अधीक्षक मधुसूदन शर्मा भी मौजूद रहे।

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2547 कृषक कर रहे प्राकृतिक खेती

शून्य बजट प्राकृतिक कृषि के परियोजना निदेशक राकेश कंवर ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती के संदर्भ में राज्य में यह प्रथम किसान परिचर्चा शुरू की गई है। शीघ्र ही ऐसी परिचर्चाएं राज्यभर में आयोजित की जाएंगी।वर्तमान में प्रदेश के 80 विकास खंडों में से 79 विकास खंडों में 2547 कृषक प्राकृतिक खेती कर रहे हैं।


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