वैक्सीन रिसर्च व प्रोडक्शन में अब नया कार्स शुरू
वैक्सीन रिसर्च व प्रोडक्शन में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए सेंट्रल रिसर्च इंस्टीच्यूट (सीआरआई) कसौली में इस वर्ष से वैक्सीनोलॉजी व इम्यूनोबायोलोजिकल्स में पीजी डिप्लोमा नाम से नया कोर्स शुरू होने जा रहा है। एमएससी माईक्रोबायोलॉजी करने के बाद होने वाले इस एक वर्ष के डिप्लोमा कोस को शुरू करने के लिए सीआईआई कसौली को प्रदेश विवि से परमिशन मिल गई है। संस्थान में इस कोर्स के लिए 20 सीटें रखी गई है। इनमें पांच सीटें पूरे देश के लिए जबकि 15 सीटें हिमाचल के विद्याथियों के लिए रखी गई है। कोर्स को करने के लिए अप्लीकेशन भरने की अंतिम तिथि 26 अगस्त है। इस कोर्स को करने के बाद विद्यार्थी वैक्सीन इंडस्ट्री में जाकर तत्काल
संवाद सहयोगी, सोलन : वैक्सीन रिसर्च व प्रोडक्शन में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीआरआइ) कसौली में इस वर्ष से वेक्सीनोलॉजी व इम्यूनोबायोलोजिकल्स में पीजी डिप्लोमा नाम से नया कोर्स शुरू होने जा रहा है। एमएससी माइक्रोबायोलॉजी करने के बाद होने वाले इस एक वर्ष के डिप्लोमा कोस को शुरू करने के लिए सीआइआइ कसौली को हिमाचल प्रदेश विवि से मान्यता दे दी है। कोर्स के लिए 20 सीटें रखी गई है। इनमें पांच सीटें पूरे देश के लिए जबकि 15 सीटें हिमाचल के विद्यार्थियों के लिए रखी गई है। कोर्स को करने के लिए अप्लीकेशन भरने की अंतिम तिथि 26 अगस्त है। इस कोर्स को करने के बाद विद्यार्थी वैक्सीन इंडस्ट्री में जाकर तत्काल नौकरी प्राप्त कर सकेंगे। गौरतलब है कि केंद्रीय अनुसंधान संस्थान 1959 से अध्यापन में शामिल है। संस्थान को स्नातकोत्तर प्रशिक्षण (एमडी पैथोलॉजी एंड बैक्टीरिया) के लिए मान्यता दी गई थी। 17 अप्रैल 1961 को संस्थान माइक्रोबायोलॉजी विषय में बीएससी (ऑनर्स) व एमएससी (ऑनर्स) पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए पंजाब विश्वविद्यालय से मान्यता मिली थी। 1973 में माइक्रोबायोलॉजी में बीएससी, एमएससी व एमफिल पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए संस्थान हिमाचल प्रदेश विवि से मान्यता प्राप्त हो गया था। संस्थान वर्तमान में एमएससी (माइक्रो) के लिए मान्यता प्राप्त केंद्र है और एमएससी (माइक्रोबायोलॉजी) पाठ्यक्रम के लिए 20 स्टूडेंटस रखी गई है। सीआरआइ के निदेशक डॉ. अजय कुमार तहलान ने बताया कि कोर्स के लिए अनुमति मिल गई है। आवेदन 26 अगस्त तक संस्थान के कार्यालय में पहुंचने आवश्यक हैं।