सिरमौर में डॉ. परमार के बाद दूसरी कद्दावर शख्सियत थीं श्यामा
राजन पुंडीर नाहन हिमाचल सहित केंद्र की राजनीति में अहम पहचान रखने वाली भाजपा नेत्री श्याम
राजन पुंडीर, नाहन
हिमाचल सहित केंद्र की राजनीति में अहम पहचान रखने वाली भाजपा नेत्री श्यामा शर्मा के निधन से जिला सिरमौर को भारी क्षति हुई है। हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार के बाद श्यामा शर्मा दूसरी ऐसी शख्सियत थीं, जिन्होंने जिला सिरमौर और समाजसेवा के लिए पूरा जीवन लगा दिया।
प्रदेश व केंद्रीय राजनीति में श्यामा शर्मा ने अपना दबदबा इस तरह बनाया हुआ था कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व सहित अन्य दलों के नेता भी उनसे मिलने नाहन पहुंचते थे। श्यामा शर्मा के राजनीतिक गुरु रहे पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चंद्रशेखर कई बार उनके कार्यक्रमों में शिरकत करने नाहन पहुंचे थे। पूर्व उपप्रधानमंत्री देवी लाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, स्व. सुषमा स्वराज, स्व. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा का शीर्ष नेतृत्व श्यामा शर्मा की नेतृत्व क्षमता व काबिलियत को समझता था।
श्यामा शर्मा आपातकाल के दौरान करीब एक वर्ष तक केंद्रीय कारागार नाहन में रहने के बाद जब बाहर निकलीं तो चंद्रशेखर के नेतृत्व में कन्याकुमारी से दिल्ली तक छह माह पैदल यात्रा की तथा जनसमस्याएं सुनी और उन्हें जागरूक किया। इसके बाद नाहन से दिल्ली तक लोगों की समस्याएं सुनते हुए गई। जेल में रहकर लोगों के लिए कुछ करने तथा पैदल चलने की एक सोच उभरकर सामने आई। इसी के तहत नाहन विधानसभा क्षेत्र के गांव-गांव में जाकर लोगों की समस्याएं सुनीं। जब 1977 में पहली बार विधायक बनीं, तो उन्होंने नाहन विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों सैनधार और धारटीधार के लिए बिजली, पानी, स्कूल आदि सैकड़ों योजनाएं अमल में लाई। 1977 में देश के इतिहास में पहली बार तत्कालीन मुख्यमंत्री शांता कुमार के साथ श्यामा शर्मा ने अपने-अपने क्षेत्रों की योजनाओं को प्लानिंग में डलवाने के लिए विधायकों के साथ बैठकें की तथा प्लानिग में उनके द्वारा बताई गई योजनाओं को शामिल किया गया, जो कि आज विधायक प्राथमिकता का रूप लेकर जनता के सामने है। उन्हें कुत्तों से भी बहुत लगाव था।