निजी स्कूलों ने उपायुक्त के आदेशों को दिखाया ठेंगा
संवाद सहयोगी, सोलन : जिलाधीश के आदेशों को बडे़ अधिकारियों के बच्चों के स्कूल संचालक
संवाद सहयोगी, सोलन : जिलाधीश के आदेशों को बडे़ अधिकारियों के बच्चों के स्कूल संचालक ही मान रहे। इसका उदाहरण सोमवार को देखने को मिला। उपायुक्त द्वारा पूरे जिले में भारी बरसात के चलते सभी शिक्षण संस्थानों में बंद रखने के निर्देश जारी किए गए थे। बावजूद इसके नालागढ़ व सोलन सहित अन्य क्षेत्रों में शिक्षण संस्थान संचालक उपायुक्त के आदेशों को नकारते नजर आए। इनमें कुछ स्कूल ऐसे भी हैं, जहां अधिकारियों के ीाी बच्चे पढ़ते हैं। शिक्षा विभाग द्वारा भी इस मामले पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। बात दें कि कुछ दिन पहले ही परवाणू में एक छात्र की बरसात के दौरान नाले में बहने से मौत हुई थी। इसके बावजूद स्कूल संचालकों पर कोई असर नहीं दिखा। जिला में निजी स्कूल संचालक अधिकारियों के निर्देशों सरेआम ठेंगा दिखाते नजर आए। सोमवार को भारी बरसात के बाद सोलन व बद्दी में निजी स्कूल खुले रहे। स्कूलों जाने के लिए विद्यार्थियों को भारी बरसात में जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचना पड़ा। प्रदेशभर में मौसम विभाग द्वारा सोमवार को भारी बारिश के चेतावनी जारी की गई थी। इस पर जिलाधीश सोलन द्वारा सोमवार को सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने के निर्देश दिए गए, लेकिन जिला के कुछ निजी स्कूल संचालकों को प्रशासन द्वारा जारी किए निर्देश मजाक लेकर चले। सोमवार को सोलन के उत्कृष्ट माने जाने वाले सेंट ल्यूक्स स्कूल, सनातन धर्म स्कूल, बद्दी के भोजिया विद्यापीठ, बदद्ी इंटरनेशनल स्कूल खुले रहे। सोलन शहर के सनातन धर्म स्कूल व सेंट लूयूक्स स्कूल के लिए जिलाधीश के आदेश मायने नहीं रखते, जिसके चलते सुबह से ही बच्चे सनातन धर्म स्कूल भारी बारिश में पहुंचे। करीब एक बजे स्कूल में छुट्टी हुई व बच्चे घरों को गए। वहीं, सेंट ल्यूक्स स्कूल के लिए अपना वार्षिक पारितोषिक कार्यक्रम के चलते स्कूल में अवकाश नहीं किया। स्कूल में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारियों को लेकर बच्चों को स्कूल बुलाया गया। स्कूल संचालकों को शायद बच्चों की जान व उपायुक्त के निर्देशों से च्यादा स्कूल का वार्षिक समारोह लगा। जानकारी के अनुसार आगामी दिनों में सेंट ल्यूक्स स्कूल का वार्षिक पारितोषिक कार्यक्रम है। स्कूल प्रधानाचार्या की तरफ से मोबाईल में जारी हुए संदेश में उन अभिवावकों से 10 से 2 बजे तक अपने बच्चों को स्कूल भेजने को कहा है जो सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। खास बात तो यह है कि इस विद्यालय में बड़े बड़े प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा शहर के नामी लोगों के बच्चे भी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इसके बावजूद स्कूल की इस प्रकार की मनमानी अपने आप में कई सवाल खड़े करती है। उधर, बद्दी में भोजिया विद्यापीठ व बद्दी इंटरनेशनल स्कूल नियमों की अनदेखी की। परवाणू हादसे से भी नहीं लिया कोई सबक
जिला की कसौली के साथ सटे परवाणू की कौशल्या नदी में स्कूल जा रहे छात्र की पुल से गुजरते समय डूबने से मौत हो गई थी। बता दें कि उस दिन भी भारी बरसात के चलते स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया था। लेकिन प्रशासन द्वारा देरी से जारी किए निर्देशों के चलते स्कूल प्रबंधन को इसकी सूचना देरी से मिल पाई थी। जिस कारण एक परिवार से उसका बेटा छिन गया था। समय पर जारी नहीं होते निर्देश
मौसम विभाग द्वारा 24 सितंबर को प्रदेश भर में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई थी। रविवार शाम को सोमवार को अनुमानित भारी बरसात के चलते बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए अवकाश रखने के निर्देश जारी हुए। यह निर्देश रविवार देर शाम तक अधिकारिक तौर पर जारी नहीं किए गए थे। इससे स्कूलों तक यह निर्देश भी समय रहते नहीं पहुंच पाए। जिससे प्रशासन की सुस्त कार्यप्रणाली साफ नजर आती है। क्या कहते हैं स्कूल संचालक
सोलन के सेंट ल्यूक्स स्कूल प्रबंधन ने बात करने की कोशिश की गई, लेकिन स्कूल प्रबंधन के किसी भी सदस्य से बात नहीं हो पाई। बद्दी में भोजिया विद्यापीठ के संचालक विक्रम भोजिया ने कहा कि स्कूल को बच्चों की शिक्षा के लिए खोला गया है। सोमवार को भी बच्चों ने स्कूल में शिक्षा ग्रहण की।
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जिन स्कूलों ने प्रशासन के आदेशों नहीं माना हैं। उन स्कूलों पर नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। स्कूल बंद रखने के निर्देश रात को तकरीबन 11.30 बजे आस पास स्कूलों को जारी किए गए थे।
-पूनम सूद, उप निदेशक, उच्च शिक्षा शिक्षा।
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स्कूलों को बंद रखने के निर्देश रविवार रात को जारी किए गए थे। जो स्कूल सोमवार को खुले रहे हैं उसके लिए स्कूल प्रबंधन जिम्मेवार है। ऐसे में में अगर कोई अनहोनी होती है तो उक्त स्कूल ही जिम्मेवार होगा।
-विनोद कुमार, जिलाधीश, सोलन।