शूलिनी मेले से पहले पालकी उठाने को लेकर विवाद
संवाद सहयोगी, सोलन : राज्यस्तरीय शूलिनी मेले से पहले ही पालकी उठाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है। जि
संवाद सहयोगी, सोलन : राज्यस्तरीय शूलिनी मेले से पहले ही पालकी उठाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है। जिला प्रशासन द्वारा पालकी का रूट मैप तय होने के बावजूद वीरवार को दोबारा बैठक कर पालकी उठाने वाले दलों के सदस्यों में बदलाव किया है। इसका मां शूलिनी सेवादल ने उपायुक्त के समक्ष विरोध किया है।
22 से 24 जून तक आयोजित होने वाले मेले का मुख्य आकर्षण माता की पालकी रहती है। इसे उठाने के लिए विभिन्न समितियों का गठन किया गया है। इन समितियों में मां के कारदार समिति, शूलिनी सेवा समिति द्वारा कई सालों से पालकी उठाई जा रही है। इस साल मां शूलिनी सेवा मंडल को भी पालकी उठाने लिए समिति में शामिल किया गया है। वीरवार को आयोजित बैठक में पालकी उठाने के लिए मां शूलिनी सेवा मंडल के दो सदस्यों व मां शूलिनी सेवा समिति से एक सदस्य को शामिल किया गया है। इस फैसले के बाद से सेवा समिति ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। सेवा मंडल पर मेले को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया है। सेवा समिति द्वारा पालकी के आगे झांकियां को लेकर कुछ वाहनों को मॉल रोड पर चलाने की मांग की गई थी। लेकिन उपायुक्त ने इस प्रस्ताव पर हामी नहीं भरी। इसके बाद से सेवा समिति द्वारा निकाली जाने वाली झांकियों पर संशय बन गया है।
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यहां से निकाली जाती है पालकी
पालकी शूलिनी मंदिर से लेकर अप्पर बाजार, गंज बाजार से होते हुए मॉल रोड तक निकाली जाती है। इस दौरान मंदिर से लेकर पुरानी कचहरी तक मां के कारदार पालकी को लेकर आते हैं। इस स्थान पर मुख्य अतिथि द्वारा पालकी के दर्शन कर माता का आशीर्वाद प्राप्त कर पालकी को बाजार से होते हुए मॉल रोड तक लाया जाता है।
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उपायुक्त के सामने किया विरोध : मंजुल अग्रवाल
मां शूलिनी सेवा समिति के अध्यक्ष मंजुल अग्रवाल ने बताया कि बैठक के दौरान मां शूलिनी सेवा समिति द्वारा सेवा मंडल के दो सदस्यों को चुनने का विरोध किया गया। लेकिन उपायुक्त द्वारा इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई। सेवा समिति के विरोध के बाद भी उपायुक्त द्वारा फैसले का विरोध किया गया।
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नहीं हुई कोई बैठक
इस मामले पर उपायुक्त सोलन विनोद कुमार ने कोई जानकारी होने से इंकार कर दिया। वहीं मां शूलिनी सेवा मंडल के अध्यक्ष बताधमर्ेंद्र ठाकुर ने बताया कि वीरवार को उपायुक्त द्वारा बैठक का आयोजन किया गया था। जिसमें पालकी उठाने संबधी रूपरेखा तैयार की गई।