केरल के बाद दूसरा नागलोक सोलन में होगा स्थापित
हिमाचल प्रदेश का नाम अब धार्मिक पर्यटन नगरी के नाम से और अधिक मशहूर होने जा रहा है। जिला सोलन के साधुपुल के निकट स्थित तुंदल पंचायत के रूड़ा में अब भारत की सबसे ऊंची नागलोक की मूर्तियों को स्थापित किया जा रहा है। तुंदल में बसे रामलोक की दसों दिशाओं में शेष नाग की 1
जागरण संवाददाता, सोलन : जिला सोलन के साधुपुल के निकट तुंदल पंचायत के रूड़ा में अब भारत की सबसे ऊंची नागलोक की मूर्तियों को स्थापित किया जा रहा है। तुंदल में स्थापित रामलोक मंदिर की दसों दिशाओं में शेष नाग की 18 फीट ऊंची मूर्तियां स्थापित की जा रही हैं। मंदिर में दो मूर्तियों को स्थापित कर दिया गया है, जबकि अन्य आठ मूर्तियों को स्थापित किया जा रहा है। मंदिर में अष्ट धातु की राम परिवार की मूर्तियां स्थापित हैं।
यह नागलोक भारत में इस तरह का दूसरा बड़ा नागलोक होगा। इससे पहले केरल में एक नागलोक स्थापित है, जिसकी पूजा करने पूरे देशभर से भक्तजन पहुंचते हैं। रामलोक मंदिर की दसों दिशाओं की तरफ दस नागलोक स्थापित किए जाएंगे। हिमाचल प्रदेश से पहले केवल दक्षिण भारत के केरल में ही पदमनाथ स्वामी मंदिर स्थापित है। इसके बाद भारत के किसी दूसरे राज्य में शेषनाग के मंदिर स्थापित नहीं है। मंदिर के पुजारी का कहना है कि नागलोक की पूजा से धन, यश, शत्रुओं पर विजय, दीर्घायु होती है।
राजस्थान की महारानी गायत्री देवी की याद में इस मंदिर को बनाया जा रहा है। मंदिर निर्माण के लिए भी राजघराने की तरफ से आर्थिक मदद की जा रही है। मंदिर को सभी देवताओं के लिए एक महल के आकार में ही बनाया जा रहा है।
काल सर्प दोष से मिलेगी मुक्ति
मंदिर के मुख्य पुजारी बाबा अमरदास का कहना है कि रामलोक में बनने वाले नागलोक को अष्ठसिद्धि नाग मंत्रों व वैदिक रीति परंपरा द्वारा करवाया जाएगा। दसों दिशाओं में भव्य शेष नाग की 18 फीट ऊंची प्रतिमाएं स्थापित की जा रही हैं। उन्होंने कहा काल सर्प दोष से लोगों को यहां मुक्ति मिलेगी। शेष नाग पर दूध चढ़ाने मात्र से काल सर्प दोष से मुक्ति मिल सकेगी।