लुंतोग तनपई निमा रिन्पोछे का वार्षिक अनुष्ठान संपन्न
सोलन-सिरमौर जिलों की सीमा पर स्थित दोलाजी मेनरी बोन मोनेस्ट्री मे
संवाद सहयोगी, सोलन : सोलन-सिरमौर जिलों की सीमा पर स्थित दोलाजी मेनरी बोन मोनेस्ट्री में बोन धर्म के सर्वोच्च गुरु एवं 33वें मेनरी मठाधिकारी लुंतोग तनपई निमा रिन्पोछे के निर्वाण के एक वर्ष पूरा होने पर वार्षिक पूजा व अनुष्ठान कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम दो से चार सितंबर तक आयोजित किया गया। इस दौरान भारत सहित विदेशों से आए श्रद्धालुओं व अनुयायियों ने भाग लिया।
14 सितंबर 2017 को 33वें मेनरी मठाधिकारी लुंतोग तनपई निमा रिन्पोछे ने निर्वाण प्राप्त किया था। दोलाजी मेनरी बोन मोनेस्ट्री के डॉ. थुबतन ज्ञलछन नेगी ने बताया कि वर्ष 1959 में तिब्बत से शरणार्थी के रूप में यहा आए थे। बाद में उन्होंने दोलाजी में मेनरी गोंपा की स्थापना की। यहा पर तिब्बत स्थित बोन धर्म के अध्ययन-अध्यापन की परपरा को यथावत बनाए रखा। अपने प्रयास से उन्होंने न केवल भारत में बोन धर्म को स्थापित किया बल्कि भारत से संपूर्ण विश्व को इससे अवगत कराया।
डॉ. थुबतन ज्ञलछन नेगी ने बताया कि सात सितंबर को दोलाजी मेनरी बोन मोनेस्ट्री के 34वें मठाधिकारी गद्दी को संभालेंगे। इस कार्यक्रम में विदेशों से भी श्रद्धालु पहुंचेंगे।