अशुभ ¨चतन न करें, सदैव शुभ में रुचि रखें
स्वामी ¨पडीदास आश्रम में आयोजित श्रीराम कथा का रविवार को समापन हुआ।
संवाद सहयोगी, अम्ब : स्वामी ¨पडीदास आश्रम में आयोजित श्रीराम कथा का रविवार को समापन हुआ। कथा को विराम देने से पहले अतुल कृष्ण महाराज ने श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन किया, उन्हें सत्य का मार्ग दिखाया। कहा मनुष्य होकर प्रभु का भजन न करना अधम स्वभाव है। संसार में रहकर बेदाग जीवन जीने का प्रयत्न करें। भगवान की भक्ति रसमय है। परमात्मा का हर विधान हमारे कल्याण के लिए है। भरोसा अपने ठाकुर पर करो, लोगों पर नहीं। भक्ति एवं साधना विहीन जीवन दुखों को आमंत्रित करता है। श्रीराम कथा भारत की राष्ट्रकथा है। हम कर्म में जब ईश्वर का भाव मिला देते हैं तो वह कार्य कर्मयोग बन जाता है। भगवान की कथा में एक-एक कदम चलकर आने से पुण्य बढ़ते हैं एवं मलिन संस्कारों से छुटकारा मिल जाता है। अशुभ ¨चतन न करें, सदैव शुभ में रुचि रखें। झूठ को छुपाना पड़ता है, सत्य तो सातवें आसमान से भी सदा चमकता रहता है। स्वस्थ एवं प्रसन्न रहने के लिए प्रतिदिन योग अवश्य करें। भय, संशय एवं तनाव मुक्त जीवन के लिए योग एक वरदान है। इस अवसर पर अवध की होली एवं भगवान श्रीराम के राज्याभिशेक का भी लोगों ने आनंद लिया।