Move to Jagran APP

परवाणू में वाहनों के पंजीकरण के लिए एजेंटों का मायाजाल

परवाणू में वाहनों के पंजीकरण व लाइसेंस बनाने को लेकर सहायक आयुक्त कार्यालय कई बार विवादों के दौर से गुजरा है, लेकिन कुछ समय हल्?ला डलने के बाद स्थिती दोबारा वैसे ही हो जाती है। परवाणू में वाहनों के पंजीकरण को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा विभाग के कर्मचारियों पर कई बार लापरवाही से काम करने के आरोप लगे, जो की विवादों का कारण भी बनते हैं। अब ऐसा ही मामला एक बार फिर स्थानीय लोगों द्वारा उठाया जाने लगा है। लोगों का कहना है की कार्यालय में किसी भी वाहन के पंजीकरण के लिए यदि कोई व्यक्ति एजेंट का सहारा नहीं लेता तो उसे बार बार कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 03:09 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 03:09 PM (IST)
परवाणू में वाहनों के पंजीकरण 
के लिए एजेंटों का मायाजाल
परवाणू में वाहनों के पंजीकरण के लिए एजेंटों का मायाजाल

मनमोहन संधू, परवाणू

prime article banner

परवाणू में वाहनों के पंजीकरण व लाइसेंस बनाने को लेकर विवादों में रहा सहायक आयुक्त कार्यालय कई बार फिर चर्चा में है। अब ऐसा एक ओर मामला स्थानीय लोगों ने उठाया है। लोगों का आरोप है कि कार्यालय में किसी भी वाहन के पंजीकरण के लिए यदि कोई व्यक्ति एजेंट का सहारा नहीं लेता तो उसे अपना काम निपटाने के लिए चक्कर पर चक्कर लगाने पड़ते हैं। यदि वह इस काम के लिए एजेंट के पास जाता है तो उसे तीसरे दिन वाहन की आरसी मिल जाती है। वाहन पंजीकरण के लिए एजेंट ग्राहक से मोटी रकम वसूलता है तथा उसके माध्यम से भेजी गई फाइल पर किसी प्रकार की आपत्ति नहीं जताई जाती। यदि कोई व्यक्ति यदि खुद फाइल जमा करवाता है तो उस पर आपत्ति लगाकर उसके कई चक्कर लगवाए जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक एक गाड़ी के पंजीकरण के लिए एजेंट 10 से 15 हजार रुपये लेता है। जो एजेंट को रकम देने में सक्षम नहीं होता उसे या तो चक्कर लगाने पड़ते हैं या वाहन को पंजीकृत किया ही नहीं जाता। ऐसे मामले उच्च अधिकारियों तक भी पहुंचे लेकिन कोई कार्रवाई होती नहीं दिख रही है। एजेंटों की इस धांधली से जनता को अतिरिक्त शुल्क का भार झेलना पड़ रहा है, वहीं कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।

सहायक आयुक्त परवाणू एसपी जसवाल ने कहा कि कार्यालय में इस प्रकार के कुछ मामले सुनने में अवश्य आए हैं, लेकिन किसी व्यक्ति ने उनके पास लिखित शिकायत नहीं दी है। एक मामला संज्ञान में अवश्य आया कि किसी एजेंट द्वारा शीघ्र पंजीकरण के लिए मोटी रकम की मांग की गई थी। जनता से अनुरोध है कि वे एजेंटों का सहारा न लें खुद वाहन के पंजीकरण के लिए आएं। इस प्रकार के मामलों को देखते हुए वाहनों के पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेजों का विवरण कार्यालय की दीवार पर सूचना बोर्ड के माध्यम से दर्शाने पर विचार किया जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.
OK