ईएसआइसी अस्पताल में नहीं हो रहे ऑपरेशन
बद्दी स्थित ईएसआइसी के मॉडल चिकित्सालय में दो माह से ऑपरेशन थियेटर बंद है।
संवाद सूत्र, नालागढ़ : बद्दी स्थित ईएसआइसी के मॉडल चिकित्सालय में दो माह से ऑपरेशन थियेटर बंद है। हिंद मजदूर सभा के पदाधिकारी अस्पताल के अधीक्षक तथा ईएसआइसी के क्षेत्रीय प्रबंधक से मिले असुविधाओं पर रोष जताया। सभा के पदाधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में अस्पताल शोपीस बन गया है। यही हाल रहा तो उन्हे मजबूर होकर धरना-प्रदर्शन करना पड़ेगा।
दो माह से किसी भी रोगी का ऑपरेशन नहीं हो रहा है। छोटे ऑपरेशन के लिए रोगियों को समय दिया जा रहा है। वहीं आपातकालीन रोगियों को अन्य अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है।
क्षेत्रीय प्रबंधक दीपक जोशी ने हिंद मजदूर सभा के प्रदेश अध्यक्ष मेला राम चंदेल के साथ चिकित्सालय का निरीक्षण किया तथा ऑपरेशन थियेटर को जल्द चालू करवाने का आश्वासन दिया। दवा लेने तथा ओपीडी में लगने वाली लंबी लंबी लाइन को कम करने के लिए अतिरिक्त काउंटर खोले जाने का आश्वासन दिया है। क्षेत्रीय निदेशक दीपक जोशी व चिकित्सालय अधीक्षक गुंजन ने बताया कि स्टाफ की कमी को देखते हुए माह के तीसरे वीरवार को इंटरव्यू रखे गए हैं। विशेषज्ञ व अन्य चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया जारी है।
इस मौके पर हिंद मजदूर सभा के जिला अध्यक्ष रणजीत सिंह, राजू भारद्धाज, खेमराज, रविंद्र ठाकुर, डिप्टी मेडिकल अधीक्षक रीतू सचदेवा, डॉ. यशपाल, एमएस गुरंग, डॉ. दुष्यंत, डॉ. यशपाल मौजूद रहे।
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27 डॉक्टरों के पद खाली
मॉडल अस्पताल में एक हजार से अधिक रोगी प्रतिदिन आते हैं। अस्पताल में 67 डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में 40 पद ही भरे हुए हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों के 18 पद हैं, जिनमें 10 पद खाली हैं। मेडिकल स्पेशलिस्ट का पद भी खाली है। रेडियोलॉजिस्ट का पद भी खाली होने से रोगियों को एक्सरे व अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए चक्कर काटने पड़ रहे हैं। पर्ची बनाने के लिए लंबी लाइन लग जाती है। दवाएं देने के लिए चार काउंटर हैं, लेकिन वर्तमान में दो ही चल रहे हैं।
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लिफ्ट भी खराब
अस्पताल में तीन लिफ्ट लगी हैं, जिसमें एक लिफ्ट लंबे समय से खराब है। हिंद मजदूर सभा के प्रदेश अध्यक्ष मेला राम चंदेल ने कहा कि चिकित्सालय में ब्लड बैंक नहीं है। प्लाजा ट्रांसप्लांट न होने के कारण डेगू के रोगियों को रेफर किया जा रहा है। गर्भवती महिलाओं को यहां से इसलिए रेफर कर दिया जाता है कि यहां पर ओटी नहीं चल रही है।