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जरा संभल कर! परवाणू से शिमला तक जोखिम भरा सफर

फोरलेन निर्माण ने चंडीगढ से शिमला का सफर जोखिम भरा बना दिया है। बरसातें शुरू होने के बाद वाहन चालकों के लिए अब हर पल खतरा बना हुआ है। गौर हो कि चंडीगढ की तरफ से शिमला का सफर करने वाले हजारों लोगों के सर पर अब खतरा मंडरा रहा है। यहां परवाणू से शोघी तक के सफर में कहीं भी हादसा होने का खतरा बना हुआ है। गौर हो कि पिछले कई वर्षों से कालका शिमला सडक मर्गा पर फोरलेन निर्माण का कार्य प्रगति पर है। इस निर्माण में अवैज्ञानिक तरीके

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Jul 2019 05:30 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 06:41 AM (IST)
जरा संभल कर! परवाणू से शिमला तक जोखिम भरा सफर
जरा संभल कर! परवाणू से शिमला तक जोखिम भरा सफर

सुनील शर्मा, सोलन

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फोरलेन निर्माण ने चंडीगढ़ से शिमला का सफर जोखिम भरा बना दिया है। बरसात शुरू होने के बाद वाहन चालकों के लिए अब हर पल खतरा बना हुआ है। गौर हो कि चंडीगढ़ की तरफ से आने वाले हजारों लोगों के सिर पर खतरा मंडरा रहा है। यहां परवाणू से शोघी तक के सफर में हादसा होने का खतरा बना रहता है। कई वर्षो से यहां फोरलेन निर्माण का कार्य प्रगति पर है। इसमें अवैज्ञानिक तरीके से पहाड़ों की कटाई कर दी गई है। यहां हल्की सी अनदेखी चालक को महंगी पड़ सकती है। पहाड़ से कभी पत्थर सड़क पर गिर रहे हैं तो कभी मलबा। दूसरी लेन में भी सडकों के धंसने का दौर जारी है। परवाणू से कुम्मारहट्टी तक अधिक खतरा

जाबली से कुम्मारहटटी तक का सफर बेहर खतरनाक है। यहां टीटीआर, चक्की मोड, क्रशर के नजदीक और सनवारा के निकट खतरनाक स्पॉट हैं। यहां पहाड़ों की कटिग 90 डिग्री पर कर दी है। पहाड़ियां 300 फुट से भी अधिक ऊंची हैं, लेकिन उनको मात्र पांच से दस फुट तक ही आरसीसी से कवर किया गया है। इसके चलते पहाड़ों पर काफी मात्रा में मलबा और चट्टानें लटकी हुई हैं। कई स्थानों पर पेड़ हवा में लटके हुए हैं। तेज बारिश के दौरान और धूप निकलने पर कभी भी वह वाहनों को अपनी चपेट में ले सकते हैं। हो चुके हैं हादसे

करीब तीन वर्ष से फोरलेन निर्माण का कार्य जारी है। ऐसा नहीं है कि यह हालात इस वर्ष ही पैदा हुए हैं। सड़कों पर अचानक मलबा आना और चट्टानें गिरना आम हो गया है। अब तक ऐसे कई हादसे हो चुके हैं जिनमें कुछ लोगों की जान तक चली गई है। कुछ वर्ष पहले ही पंजाब का एक परिवार पत्थर गिरने से इसका शिकार हो गया था। इस हादसे में कुछ जानें भी चली गई थी। इसके अलावा भी कई ऐसे मामले ऐसे हैं जिनमें लोगों को जख्मी होना पडा है।

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फोरलेन निर्माण कंपनी एरिफ इंजीनियरिग और ग्रिल इंफ्रा को आदेश दिए गए हैं कि वह जगह जगह पेट्रोलिग करे। खतरनाक स्पॉट पर अपनी मशीनरी तैयार रखें, ताकि सड़क बंद होने की स्थिति में उसे बहाल किया जा सके। इसके अलावा काउशन टेप और क्रैश बैरियर लगाने के भी आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा पुलिस को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है।

-रोहित राठोर, एसडीएम सोलन एवं फोरलेन निर्माण के नोडल अफसर।

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संभावित क्षेत्रों में एक लेन को बंद किया है। दो गाड़ियों को लगातार पेट्रोलिग के लिए तैनात किया गया है। इसके साथ ही जगह जगह गाइडेंस के लिए दिशा सूचक बोर्ड स्थापित किए गए हैं। पर्यटकों व आम जन मानस से हमारा निवेदन है कि वह उन्हें फॉलो करें और कम रफ्तार में चलें। इसके साथ ही गलत लेन में न जाएं।

-राजीव पठानिया, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, ग्रिल इंफ्रा निर्माण कंपनी।


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