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Bharat Bandh: राष्ट्रव्यापी हड़ताल से देश का नुकसान उद्यमियों की चिंता बढ़ी

Nationwide strike दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल से परवाणू के उद्यमियों में निराशा बनी हुई है क्योंकि उद्योगों को बंद कर देने से एक दिन में लाखों का नुकसान हो रहा है।

By BabitaEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 12:16 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 12:16 PM (IST)
Bharat Bandh: राष्ट्रव्यापी हड़ताल से देश का नुकसान उद्यमियों की चिंता बढ़ी
Bharat Bandh: राष्ट्रव्यापी हड़ताल से देश का नुकसान उद्यमियों की चिंता बढ़ी

परवाणू, जेएनएन। Nationwide strike श्रमिक संगठनों की दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल से औद्योगिक क्षेत्र परवाणू के उद्यमियों की चिंता बढ़ने लगी है। हड़ताल के कारण केवल परवाणू में सात से आठ करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। हड़ताल आठ व नौ जनवरी को होगी। जीएसटी के कारण कई उद्योग परवाणू से पलायन कर चुके हैं व कुछ उद्योग भी मंदी के दौर में खर्च को लेकर पहले से ही चिंता के माहौल से गुजर रहे हैं। ऐसे में इस तरह की हड़ताल से परवाणू के उद्यमियों में निराशा बनी हुई है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिमाचल दौरे से परवाणू के उद्यमियों को उम्मीद बंधी थी लेकिन उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा। ऐसे में देशव्यापी हड़ताल उद्योगपतियों की कमर तोड़ने का काम कर रही है। उद्योगपतियों का कहना है कि श्रमिक अपनी मांगें रखें, लेकिन अपना विरोध केवल सरकार तक ही सीमित रखना चाहिए। उद्योगों को बंद कर देने से एक दिन में लाखों का नुकसान हो जाता है साथ ही ट्रांसपोर्ट यूनियन को भी इसका खासा खामियाजा भुगतना पड़ता है।

उधर, श्रमिक संगठनों का कहना है की उद्योगों द्वारा श्रमिकों का शोषण किया जाता है, जिसके खिलाफ आवाज उठाना हमारा अधिकार है, श्रमिकों को वेतन के अलावा अन्य सुविधाएं नहीं दी जाती हैं उनका शोषण किया जाता है। पीआईए उद्योग संघ के अध्यक्ष ने बताया कि इस प्रकार की राष्ट्रव्यापी हड़ताल से देश का नुकसान होता है व देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न होती है।

कहा कि हड़ताल से उद्योगों को होने वाले नुकसान के बारे में प्रदेश सरकार को सोचना चाहिए तथा संगठनों के ऐसे विरोध पर हस्तक्षेप करना चाहिए। संघ के अनुसार फिलहाल हड़ताल के कारण उद्योगों में दो दिन के लिए अवकाश किया जाएगा, वहीं कई उद्योगों का कहना है की अवकाश के चलते काम बंद होने पर श्रमिकों का दो दिन का वेतन नहीं दिया जाएगा। संघ और संगठन में श्रमिकों, ऑपरेटरों व कर्मचारियों के होने वाले नुकसान की भरपाई न तो संगठन करेंगे न उद्योग संघ और ना ही राज्य सरकारें, ऐसे में श्रमिकों द्वारा इस प्रकार की हड़ताल से अंत में नुकसान केवल श्रमिकों का ही होता है। 


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