देश के सात बेहतरीन मशरूम उत्पादक सम्मानित
केंद्रीय मशरूम अनुसंधान निदेशालय में सोमवार को राष्ट्रीय मशरूम मेले क
संवाद सहयोगी, सोलन : केंद्रीय मशरूम अनुसंधान निदेशालय में सोमवार को राष्ट्रीय मशरूम मेले का आयोजन किया गया। इस 21वें मशरूम मेले में देशभर से मशरूम उत्पादकों ने भाग लिया। मेले के दौरान देश के बेहतरीन सात मशरूम उत्पादकों को सम्मानित किया गया। सांसद वीरेंद्र कश्यप ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इसके अलावा विशेष रूप से डॉ. जगमोहन सिंह पूर्व कुलपति प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर विशेष तौर पर मौजूद रहे। वीरेंद्र कश्यप ने कहा कि सोलन स्थित खुंब अनुसंधान निदेशालय को राष्ट्रीय खुंब प्रशिक्षण संस्थान के रूप में स्तरोन्नत करने के प्रयास किए जाएंगे। सोलन को विश्वभर में खुंब शहर के रूप में जाना जाता है। इस दिशा में खुंब निदेशालय की सराहनीय भूमिका रही है। निदेशक को निर्देश दिए कि निदेशालय को राष्ट्रीय खुंब प्रशिक्षण संस्थान के रूप में स्तरोन्नत करने का प्रस्ताव प्रेषित करें। वह केंद्र सरकार में उचित स्तर पर इस मामले को उठाएंगे। उत्पादकों से आग्रह किया कि खुंब के उत्पादन में वैज्ञानिक पद्धति का उपयोग सुनिश्चित बनाएं। सासद ने इस अवसर पर प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
डॉ. जगमोहन सिंह ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने में मशरूम का महत्वपूर्ण योगदान है। संस्थान के निदेशक डॉ. वीपी शर्मा ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा राष्ट्रीय मेले की विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि मेले में देशभर से लगभग 800 किसान भाग ले रहे हैं। मेला प्रतिवर्ष 10 सितंबर को सोलन को देश का मशरूम शहर घोषित करने की स्मृति में आयोजित किया जाता है। वर्ष 1997 में 10 सितंबर को सोलन को भारत का मशरूम शहर घोषित किया गया था। इस अवसर पर ओडि़सा के बेरहमपुर के प्रगतिशील खुंब उत्पादक श्रीनिवास पटनायक, राजस्थान के हनुमानगढ़ की गायत्री देवी राठौर, मणिपुर के इंफ ाल पूर्व के अनगोम पुनील कुमार, महाराष्ट्र के पुणे के दनयानेश्वर बलवंत ठाकुर, बिहार के जमूई के मोहन प्रसाद केशरी तथा छत्तीसगढ़ के धमतरी के चौवा राम साहू को खुंब उत्पादन में सराहनीय योगदान के लिए सम्मानित किया। संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. बृजलाल अत्री ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। महाराणा प्रताप बागवानी विवि करनाल के कुलसचिव डॉ. अजय यादव ने भी जानकारी दी। मेले के दौरान किसान गोष्ठी का आयोजन भी किया गया। प्रदर्शनी में निदेशालय द्वारा विकसित विभिन्न मशरूम उत्पादन तकनीकों को प्रदर्शित किया गया, विशेषकर हेरेशियम मशरूम, काला कनचपड़ा मशरूम, काबुल ढींगरी मशरूम आदि। इस अवसर पर केंद्र के अन्य वैज्ञानिक डॉ. सतीश कुमार, डॉ. श्वेत कमल, डॉ. योगेश गौतम, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. अनुराधा श्रीवास्तव व डॉ. अनुपम बड़ मौजूद रहे।