विदेश सेवा में मुस्कान, हिमाचल का मान
भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में
मनमोहन वशिष्ट, सोलन
बेटियां क्या नहीं कर सकतीं। भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में 87वां स्थान हासिल कर देशभर में प्रदेश का नाम रोशन करने वाली जिला सोलन के बद्दी की मुस्कान जिदल का चयन विदेश सेवा के लिए हुआ है। बेशक उनकी पहली पसंद भारतीय प्रशासनिक सेवा थी, जबकि विदेश सेवा दूसरी थी।
बकौल मुस्कान, 'भारतीय विदेश सेवा में चयन होने से काफी उत्साहित व खुश हूं। इससे हिमाचल का नाम भी रोशन हुआ है, क्योंकि यहां से काफी कम अधिकारी भारतीय विदेश सेवा में गए हैं।'
मसूरी व दिल्ली में होगी ट्रेनिग
मुस्कान जिदल ने बताया कि ढाई माह तक मसूरी में ट्रेनिग होगी और उसके बाद दिल्ली में विदेश सेवा संस्थान में एक वर्ष का प्रशिक्षण होगा। इसके बाद किसी एक विदेशी भाषा का चयन करना पड़ता है, जिसे अनिवार्य विदेशी भाषा कहते हैं। जिस भाषा का चयन करेंगे उसके हिसाब से किसी देश में इसकी 12 से 18 माह की ट्रेनिग होती है। प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद तैनाती होगी।
--------------
हिमाचल की बेटी विजय भी विदेश मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारी
इससे पूर्व हिमाचल की ही एक बेटी विजय ठाकुर सिंह विदेश मंत्रालय में वरिष्ठ पद पर सेवाएं दे रही हैं। उनके पिता हीरा सिंह ठाकुर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में न्यायाधीश रहे हैं। इसी प्रकार 1967 बैच के आइएएस अधिकारी पीएस नेगी के पुत्र विश्वेश नेगी भी विदेश मंत्रालय में बतौर निदेशक सेवाएं दे रहे हैं। वह इटली में भी रह चुके हैं।
विजय ठाकुर सिंह ठाकुर ने अफगानिस्तान, सिंगापुर और संयुक्त राष्ट्र में भी सेवाएं दी हैं और पाकिस्तान को कई बार मुंहतोड़ जवाब दे चुकी हैं। नौकरशाही के जानकारों के अनुसार, विजय ठाकुर सिंह इस समय विदेश मंत्रालय में वरिष्ठता में दूसरे क्रम पर हैं।