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नकदी फसलें मंडी तक पहुंचाना होगा महंगा

जिला सिरमौर के दुर्गम क्षेत्र शिलाई में शुक्रवार को भूस्खलन से किस

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 07:17 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 07:17 PM (IST)
नकदी फसलें मंडी तक पहुंचाना होगा महंगा
नकदी फसलें मंडी तक पहुंचाना होगा महंगा

जागरण संवाददाता, नाहन : जिला सिरमौर के दुर्गम क्षेत्र शिलाई में शुक्रवार को भूस्खलन से किसानों की लाइफ लाइन बंद हो गई। बड़वास के पास एनएच क्षतिग्रस्त होने के बाद नकदी फसल को मंडियों तक पहुंचाने में अब अधिक किराया देना होगा। इन दिनों शिलाई विधानसभा क्षेत्र में टमाटर, गोभी, फ्रांसबीन, शिमला मिर्च जैसी नकदी फसलें तैयार हैं। किसान इन्हें पांवटा साहिब होते हुए देहरादून, यमुनानगर, लाडलू, हिसार व दिल्ली भेजते हैं। भूस्खलन से डेढ़ सौ मीटर तक एनएच का नामोनिशान तक नहीं है। अब क्षेत्र के ट्रांसपोर्टरों को करीब 15 से 20 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करना होगा। उसके बाद वह दोबारा से एनएच पर आकर आगे जाएंगे। जिला प्रशासन ने जो वैकल्पिक मार्ग सुझाया है, वह काफी तंग है और वैकल्पिक मार्ग में

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उपायुक्त सिरमौर राम कुमार गौतम ने बताया कि पांवटा साहिब मुख्य मार्ग से शिलाई की तरफ जाने वाली सड़क पर लोगों को सचेत करने के लिए चेतावनी बोर्ड लगाने का आदेश भी दिया। एनएच निर्माण में लगी कंपनी को तीन से चार दिन में मार्ग तैयार करने का आदेश दिया है। उपमंडल अधिकारी पांवटा साहिब व शिलाई को एनएच पर संभावित दुर्घटना स्थल तलाशने व कंपनी के कर्मचारियों को तैनात करने को कहा। पुलिस विभाग को वैकल्पिक मार्ग पर पुलिस बल तैनात करने को कहा, ताकि यातायात जाम की स्थिति उत्पन्न न हो। इसके अतिरिक्त उन्होंने अधिकारियों को बिजली व पानी की व्यवस्था जल्द दुरुस्त करने का निर्देश दिया।

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खतरे के निशान के पास यमुना का जलस्तर

जिला सिरमौर में चार दिन में लोक निर्माण विभाग, नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया और जलशक्ति विभाग को करीब 10 करोड़ का नुकसान हुआ है। नाहन-सराहां-कुमारहट्टी एनएच पर लगातार पत्थर गिरने से सड़क क्षतिग्रस्त हुई है। पांवटा-शिलाई-हाटकोटी एनएच पर कटिंग के कारण कई जगह मलबा गिर रहा है। इससे हादसा होने की आशंका बनी हुई है। बारिश से यमुना व गिरी नदी का जलस्तर काफी बढ़ चुका है। यमुना खतरे के निशान के समीप है। इसके साथ ही श्रीरेणुका जी के समीप जटोन बांध के गेट भी कुछ समय के खोल दिए गए थे, क्योंकि बांध में पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया था। जिला प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों से दूर रहने का आग्रह किया है, ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके।


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