परवाणू में उद्योगों के प्लॉट पर चल रहा कबाड़ियों का कारोबार
मनमोहन संधु, परवाणू प्रदेश के प्रवेशद्वार परवाणू में स्थित औद्योगिक क्षेत्र में जिला प्रशासन व
मनमोहन संधु, परवाणू
प्रदेश के प्रवेशद्वार परवाणू में स्थित औद्योगिक क्षेत्र में जिला प्रशासन व उद्योग विभाग सहित हिमुडा प्रंबधन की ओर से औद्योगिक प्लॉटों की इस कद्र अनदेखी की जा रही है कि उद्योगों के हक पर कबाड़ के कारोबारी चांदी कूट रहे हैं। स्वच्छता और कई आपराधिक मामलों में संलिप्त रहने वाले यह कबाड़ के कारोबारी पिछले लंबे अरसे से शहर के साथ लगते औद्योगिक प्लॉटों पर कब्जा जमाए हुए हैं। यह कबाड़िए बिना कोई फीस या किराया दिए बिना ही यहां कई वर्ष से प्रति माह लाखों रुपये कमा रहे हैं। लाखों का कारोबार करने वाले यह कबाड़ी हर वर्ष लाखों का कारोबार बिना टैक्स व अन्य औपचारिकताओं को बिना पूरा किए ही डकार जाते हैं। ऐसे में जिला प्रशासन व अन्य विभागों की इन पर किए जा रहे रहमोकरम से उन पर अब सवाल उठने लगे हैं। परवाणू में पुलिस प्रशासन से लेकर हिमुडा प्रबंधन और उद्योग विभाग की लापरवाही इसमें साफ नजर आती है।
हालांकि हिमुडा प्रबंधन का कहना है कि उन्हें नोटिस जारी कर दिए गए हैं। विडंबना है कि पिछले कई वर्षो से अवैध रूप से बैठे इन कारोबारियों को विभाग अब भी नोटिस देने तक ही सीमित है। यह कार्रवाई भी विभाग ने मीडिया में समाचार प्रकाशित होने के बाद की है। अब सवाल यह उठता है कि इस दफा भी विभाग मात्र नोटिस तक ही सीमित रहता है या फिर उन्हें यहां से उखाड़ा जाता है। नंबर गेम
-200 के करीब प्लॉट हैं परवाणू में हिमुडा के ।
-100 से ज्यादा उद्योग हैं परवाणू में।
-25 के करीब कबाड़ी हैं जो नहीं उठाए नहीं जा रहे।
-5 प्लॉट हैं उद्योग विभाग के यहां।
-400 टन का औसत कबाड़ है माह का। स्वच्छता को ग्रहण
परवाणू में हिमुडा विभाग के ठीक दफ्तर के सामने भी अवैध रूप से कबाड़ियों का कारोबार चल रहा है। खुले में कबाड़ का काम करने वाले यह व्यापारी यहां रोजाना प्लास्टिक व अन्य उत्पादों को जलाते हैं से वायू मंडल खराब होता है और साथ ही स्वच्छता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इतना ही नहीं प्रदूषण बढ़ने से लोगों को गंभीर बीमारियां भी जकड़ने लगी हैं।
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मामला उनके ध्यान में है। अवैध रूप से बैठ कबाड़ियों को उन्होंने नोटिस जारी किए हैं। हालांकि इस मुद्दे को लेकर जल्द ही एक बैठक होगी, जिसमें उद्योग विभाग, नगर परिषद व हिमुडा सहित पुलिस के अधिकारी शामिल किए जाएंगे।
-राजेश ठाकुर, एसडीओ, हिमुडा।
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ऐसे मामलों में चालान करने का प्रावधान है। ऐसी जानकारी के ध्यान में नहीं है, अगर कोई इस तरह के मामले में संलिप्त है तो उसका चालान किया जाएगा।
-अतुल परमार, एसडीओ, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।