आयुर्वेदिक अस्पतालों व डिस्पेंसरियों में पहुंचा दवाओं का कोटा
जिला के आयुर्वेदिक अस्पतालों व डिस्पेंसरियों में पिछले कई महीनों से चली आ रही दवाओं की कमी दूर हो गई है।
संवाद सहयोगी, सोलन : जिला के आयुर्वेदिक अस्पतालों व डिस्पेंसरियों में कई माह से चली आ रही दवाओं की कमी दूर हो गई है। दवाओं की कमी दूर होते ही मरीजों ने राहत की सांस ली है। बीते सप्ताह जिला के सभी अस्पतालों व डिस्पेंसरियों में दवाओं का कोटा पहुंच गया है। दवाओं का स्टॉक आने के बाद अब डॉक्टर भी मरीजों को दवाएं दे सकेंगे, जिससे उन्हें बाहर से दवाएं लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
गौरतलब है कि जिला के आयुर्वेदिक अस्पतालों व डिस्पेंसरियों में कई महीनों से दवाओं की भारी कमी चल रही थी। इससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रदेश सरकार के बेहतरी के दावे हवा हो रहे थे। गरीब मरीजों को मजबूरन बाजारों से महंगे दाम पर दवाएं खरीदनी पड़ रही थी। बहुत समय से आयुर्वेदिक दवाओं को लेकर टेंडर न होने से आयुर्वेदिक स्वास्थ्य संस्थानों में दवाओं की भारी कमी बन गई थी। दैनिक जागरण ने इस मुद्दे को 10 जनवरी के अंक में मरीज दवा, अस्पताल मांगे उपचार शीर्षक से प्रमुखता से प्रकाशित किया था। सोलन में जिला स्तरीय 20 बिस्तर का अस्पताल, नालागढ़ में 10 बिस्तर का अस्पताल व जिलाभर में 78 आयुर्वेदिक डिस्पेंसरियां हैं। नालागढ़ के गोयला पन्नर में यूनानी पद्धति डिस्पेंसरी व सोलन में एक होम्योपैथिक डिस्पेंसरी भी है। ऐसे में आए दिन सैकडों मरीज आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज के लिए इन डिस्पेंसरियों में व अस्पतालों में आते हैं, लेकिन उन्हें अधिकांश दवाएं बाजारों से ही लिखी जा रही थी। इससे गरीब मरीजों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा था। जिला की कई डिस्पेंसरियां तो ऐसी थी जिनमें मरहम पट्टियां भी खत्म हो चुकी थी। अधिकांश दवाओं के खत्म होने के कारण चिकित्सकों को भी दवाएं बाहर से लिखनी पड़ रही थी।
जिला आयुर्वेदिक अधिकारी सोलन डॉ. दिवाकर वर्मा ने बताया कि बीते सप्ताह सोलन जिला के अस्पतालों व डिस्पेंसरियों में दवाओं का कोटा पहुंचा दिया गया है।