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नगर परिषद सोलन का 95 करोड़ का बजट

नगर परिषद सोलन ने वर्ष 201

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 06:33 PM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 06:33 PM (IST)
नगर परिषद सोलन का 95 करोड़ का बजट
नगर परिषद सोलन का 95 करोड़ का बजट

जागरण संवाददाता, सोलन : नगर परिषद सोलन ने 2018-19 का बजट पास कर दिया है। बजट में शहरवासियों की सबसे बड़ी समस्या पार्किग का खास ख्याल रखा गया है। बजट का पांच फीसद हिस्सा अकेले पार्किग व्यवस्था के लिए खर्च करने का फैसला हाउस ने किया है। नगर परिषद सोलन ने इस वर्ष कुल 95 करोड़ 20 लाख रुपये का बजट पास किया है। सालभर 93 करोड़ 23 लाख रुपये के खर्चे किए जाएंगे। इनमें पांच बड़ी पार्किंग का निर्माण करीब पांच करोड़ से होगा, वहीं डेढ़ करोड़ से शहर के पार्को का रखरखाव और सौंदर्यकरण किया जाएगा। इसके अलावा नालियों को ढकने के लिए भी डेढ़ करोड़ का प्रावधान है। सड़कों, रास्तों के रखरखाव और निर्माण के लिए साढ़े चार करोड़ रुपये का बजट है।

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आइपीएच की देनदारी में गया आधा बजट

कई वर्षो से आइपीएच व नगर परिषद के बीच चल रहे विवाद को विराम मिल सकता है। नगर परिषद पर आइपीएच की करोडों रुपये की अदायगी शेष है जो इस बजट में पूरी होती दिखाई गई है। नगर परिषद का कुल बजट 95 करोड़ का है लेकिन उसमें से 53 करोड़ नगर परिषद आइपीएच को देने जा रही है। इससे आइपीएच तो मालामाल होगा लेकिन एमसी कंगाल होगी।

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दो से अधिक पानी कनेक्शन नहीं ले सकेगा मकान मालिक

बजट पास करने के साथ अन्य अहम निर्णय भी लिए गए। इनमें अब शहर में कोई भी मकान मालिक दो से अधिक पानी के कनेक्शन नहीं ले सकेगा। कोई व्यक्ति दो से अधिक कनेक्शन लगाता है तो उसे तीन गुना पानी का बिल देना होगा।

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बिना अनुमति 10 कूड़ेदान कबाड़िए को बेचने पर बिफरे पार्षद

वार्ड दो की पार्षद सुषमा शर्मा ने नगर परिषद को कूड़ेदानों को कबाड़िए को बिना अनुमति के मामले में घेरा। पार्षद ने कहा कि दस कूड़ेदानों को सलोगडा में एक कबाड़िए ने बिना अनुमति ही उठा लिया और उनका कबाड़ बना दिया। इस मसले पर सदन में हंगामा हुआ और चेयरमैन और ईओ ने मामले की जांच के निर्देश भी जारी किए।

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चार करोड़ की रिकवरी के लिए आउटसोर्स करने की तैयारी

नगर परिषद ने हाउस में चर्चा की कि उनकी चार करोड़ की राशि जो अभी रिकवर नहीं हो पाई है उसकी रिकवरी के लिए कोई एजेंसी आउटसोर्स की जाएगी। नगर परिषद का 81 लाख रुपया पानी बिल बकाया, 2.5 करोड़ हाउस टैक्स, दो करोड़ किराया जनता के पास बकाया है। इसकी रिकवरी के लिए आउटसोर्स का फैसला किया गया है।

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पानी का बिल जमा नहीं तो बिना बताए काटेंगे कनेक्शन

बताया जा रहा है कि सैकड़ों लोगों ने कई महीनों से पानी का बिल जमा नहीं किया है। अब ऐसे लोगों को नगर परिषद एक दफा नोटिस जारी करेगी। उसके बाद सात दिन में बिल जमा नहीं हुआ तो उसका पानी का कनेक्शन बिना उसे सूचित किए काट दिया जाएगा।

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बिना अनुमति लगे टॉवर तोड़ेगी नप

नगर परिषद परिधि में करीब 60 मोबाइल टॉवर लगा दिए गए हैं। यहां किसी भी टॉवर की अनुमति नगर परिषद से नहीं है। नियमों के तहत प्रत्येक टॉवर को नगर परिषद से अनुमति लेना अनिवार्य है। अब नगर परिषद ऐसे सभी टॉवरों को तोड़ने की कार्रवाई कर सकती है। इसके लिए नए नियम भी लागू किए गए हैं। टॉवर लगाते समय कंपनी को एक मुश्त 25 हजार जमा करवाने होंगे, उसके बाद उन्हें रिन्यू करवाने के लिए प्रति वर्ष साढ़े 12 हजार रुपये नगर परिषद में जमा करवाने होंगे।

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पर्ची सिस्टम से मिलेंगी वेंडर मार्किट की दुकानें :

नगर परिषद द्वारा रेहड़ी फड़ी को विस्थापित करने के मकसद से बनाई गई वेंडर मार्किट के आवंटन का फैसला किया गया है। यहां 112 दुकानें तैयार की गई हैं, जिनका आवंटन पर्ची सिस्टम के आधार पर किया जाना तय है। गौर हो कि शहर में कुल 122 रेहड़ियां हैं जिन्हें विस्थापित किया जाएगा। शेष रह गई दस रेहड़ियों के लिए अगले हाउस में फैसला दिया जाएगा।

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(फोटो अलग से बाक्स में लें)

कैंडल लाइट में हुआ बजट पास :

बजट पास करने के दौरान नगर परिषद के अपने स्टैंडर्ड की पोल खुल गई। मौसम खराब होने पर कई दफा बिजली गुल हो गई लेकिन नगर परिषद अंधेरे में ही काम चलाती नजर आई। मजबूरी में कई पार्षदों ने कैंडल लाइट जलाकर बजट में अपनी चर्चा को जारी रखा। बिजली का कोई दूसरा विकल्प न होने से नगर परिषद की अपनी व्यवस्थाओं की भी पोल खुलती नजर आई।

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दस करोड़ लाभ में पहुंची एमसी सोलन : देवेंद्र

नगर परिषद अध्यक्ष देवेंद्र ठाकुर ने कहा कि पिछले वर्ष उन्होंने 85 लाख रुपये का बजट पास किया था। यह बजट इस बार 95 करोड़ तक पहुंच गया है। नगर परिषद की आमदनी में लगातार इजाफा करना हमारी प्राथमिकताओं में है। हर वर्ग का ख्याल बजट में रखा गया है। इस बार के बजट में पार्किग और पार्को की दशा सुधारने पर अधिक ध्यान दिया गया है। इस दौरान उनके साथ सभी पार्षद, कार्यकारी अधिकारी व अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।


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