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जीएसटी चोरी पर कालाअंब के दो उद्योगपति गिरफ्तार

आबकारी एवं काराधान विभाग ने जीएसटी भुगतान के घपले में बडा खुलासा करते हुए सिरमौर जिला के कालाअंब स्थित दो उधोगपतियों को गिरफ़तार कर लिया है । इस मामले में विभाग के परवाणु स्थित प्रव‌र्त्तन कार्यालय की टीम ने बड़ी कार्रवाई अम्?ल में लाई है । जानकारी के मुताबिक कालाअंब क्षेत्र के दो उद्योगपतियों को जीएसटी के भुगतान के मामले में 420 करने और गलत दस्?तावेजों और कंपनियां बनाने के मामले को लेकर गिरफ्तार किया गया है। इतना ही नहीं दो बडे उधोगपतियों के पकडे जाने के साथ ही छह अन्य उद्योगपतियों पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक चुकी है । विभाग की इस बडी कार्रवाई से प्रदेश भर के उधोगपतियों में अब हडकंप का माहौल है ।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Dec 2018 08:05 PM (IST)Updated: Mon, 03 Dec 2018 08:05 PM (IST)
जीएसटी चोरी पर कालाअंब
 के दो उद्योगपति गिरफ्तार
जीएसटी चोरी पर कालाअंब के दो उद्योगपति गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, सोलन : जीएसटी चोरी और फर्जी दस्तावेजों से कंपनियां बनाने के मामले में सिरमौर जिले के कालाअंब स्थित दो उद्योगपतियों को गिरफ्तार किया है। मामले में आबकारी एवं काराधान विभाग के परवाणू स्थित प्रवर्तन कार्यालय की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। साथ ही छह अन्य उद्योगपतियों पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। विभाग ने फिलहाल उद्योगपतियों के नामों का खुलासा नहीं किया है।

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विभाग के मुताबिक पकड़ी गई कंपनियों ने दस्तावेजों में ही 150 करोड़ के कारोबार का जिक्र किया है, लेकिन उसकी एवज में दिया जाने वाला वस्तु एवं सेवा कर सरकार को चुकाया नहीं किया। इसका भुगतान करीब 15 करोड रुपये बनता था। पड़ताल में खुलासा हुआ है कि इन दोनों कंपनियों ने दिल्ली से करोड़ों रुपये के कच्चे माल की खरीद फरोख्त का जिक्र किया और बचने का प्रयास किया। जब टीम को इनके जवाब पर शक हुआ तो आबकारी व कराधान विभाग की परवाणू स्थित प्रवर्तन टीम ने जांच शुरू की। जांच के दौरान दिल्ली की फर्मों को पंजीकृत डाक से समन जारी किए गए, लेकिन डाक वापस आती रही। टीम ने दिल्ली स्थित तीन फर्मों में पहुंची तो खुलासा हुआ कि कालाअंब के उद्योगों को कच्चा माल भेजने वाली फर्मे नकली हैं। बताए गए दो ठिकानों पर दबिश दी तो वहां किसी अन्य नाम से कंपनियां व दूकानें थी। बताए गए कंपनी मालिकों में एक टैक्सी ड्राइवर है, जिसे 13 हजार रुपये के वेतन पर रखा गया है। दूसरा बताया गया कंपनी मालिक डेरी में हेल्पर के तौर पर काम करता मिला, जिसका वेतन 4000 रुपये रखा गया था। तीसरी फर्म का मालिक फैक्टरी के एक कर्मचारी मिला। दो महीने में इन तीन फर्मों से 60 करोड़ रुपये की खरीद कालाअंब की दो कंपनियों ने दिखाई थी। इन व्यक्तियों से विभाग ने हलफनामे भी लिए, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि इस मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है।

विभाग के मुताबिक इस फर्जीवाड़े में कारों व बाइकों में ही सप्लाई को दिखाया गया था। कई ट्रांसपोटर्स को भी फर्जी रूप से दर्शाया गया है। आरोपित उद्योगपतियों को मंगलवार को अदालत में पेश किया जाएगा। मामले में विभाग के निरीक्षक रूपेंद्र ¨सह ने बेहद अहम रोल अदा किया है। मामले की पुष्टि संयुक्त आयुक्त राज्य कर व आबकारी दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र डॉ. सुनील कुमार ने की है।


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