किसान को राहत, बेसहारा गोवंश को मिलेगा सहारा
आशुतोष डोगरा, सोलन जिला सोलन के नालागढ़ व अर्की में पहली बार गो अभ्यारण्य खोले जाएंगे।
आशुतोष डोगरा, सोलन
जिला सोलन के नालागढ़ व अर्की में पहली बार गो अभ्यारण्य खोले जाएंगे। बेसहारा गायों के लिए बनने वाले इन दो अभ्यारण्यों के पशुपालन विभाग ने भूमि चयनित कर ली है। विभाग द्वारा इसके लिए लगभग 329 बीघा भूमि चयनित हुई है। इन अभ्यारण्यों में सड़कों पर बेसहारा घूमने वाले गायों को रखा जाएगा। विभाग द्वारा इसके लिए भूमि चयन प्रक्रिया पूरी करने के बाद आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
जिला की सड़कों पर बेसहारा घूमने वाले आवारा गायों व गोवंश को अब जल्द ही छत नसीब हो जाएगी। वर्तमान में जिला में सैकड़ों गायें शहरों व गावों के आसपास सड़कों पर लावारिस छोड़ी गई हैं। इनके रहने का कोई स्थायी ठिकाना नहीं है और धूप, बारिश व सर्दी के मौसम में सड़कों पर ही पड़ी रहती है। अधिकतर गाएं सड़कों पर दुर्घटनाओं का शिकार भी हो जाती है। यही नहीं यह लावारिस पशु किसानों की फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा रहे है। सड़कों पर बीमार, भूखी प्यासी व दुर्घटनाओं का शिकार हो रही गायों की दुर्दशा को देखते हुए प्रदेश सरकार ने इन गायों के लिए अभ्यारण्य बनाने की योजना तैयार की है। इसके तहत सोलन जिला में दो गो अभ्यारण्य बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके तहत जिला सोलन के नालागढ़ स्थित हाडाकुंडी में 114 बीघा भूमि का चयन किया गया है। अर्की उपमंडल के दाड़लाघाट में भी 215 बीघा भूमि का चयन किया गया है। भूमि का चयन कर लिया गया है और इस पर अभ्यारण्य बनाने को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। वन विभाग के पास एनओसी के लिए किया अप्लाई
पशु पालन विभाग ने दोनों जगह जमीन का चयन कर लिया है व इसे अभ्यारण्य बनाने के लिए उपायुक्त पाया है। अब इसके लिए वन विभाग से एनओसी के लिए अप्लाई कर दिया है। अभ्यारण्य में मिलेंगी ये सुविधाएं
सेंचुरी एरिया में गायों के लिए अतिरिक्त चारे (तूड़ी) की व्यवस्था की जाएगी, ताकि जब अभ्यारण्य क्षेत्र में गर्मी के मौसम में खाने के लिए कुछ न मिले तो गायों को भूखा न मरना पड़े। इसके अलावा खुरली व टंकिया बनाकर जगह-जगह पानी की व्यवस्था की जाएगी। गायों को धूप बारिश व विपरीत मौसम से बचाने के लिए शेल्टर का निर्माण किया जाएगा। अभ्यारण्य के चारों ओर फैंसिंग होगी, ताकि अंदर से पशु बाहर न जा सकें और जंगली जानवर आक्रमण न कर सकें।
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जिला सोलन में दो गो अभ्यारण्य बनाने के लिए दो जगहों पर करीब 329 बीघा जगह का चयन किया गया है। वन विभाग से इसकी एनओसी के लिए भी आवेदन किया गया है। एनओसी मिलने व बजट का प्रावधान होने पर तुरत अभ्यारण्य बनाने का कार्य शुरू हो जाएगा।
-डॉ. प्रदीप शर्मा, उपनिदेशक, पशुपालन विभाग।