दाड़लाघाट कॉलेज में मूलभूत सुविधाओं की कमी
पूर्व में प्रदेश सरकार की ओर से दाड़लाघाट क्षेत्रवासियों को डिग्री कॉलेज की सौगात दी थी, लेकिन अब तक यहां सुविधाओं का अभाव है।
संवाद सूत्र, अर्की : पूर्व में प्रदेश सरकार की ओर से दाड़लाघाट क्षेत्रवासियों को डिग्री कॉलेज की सौगात दिए एक वर्ष से अधिक का समय हो चुका है। दाड़लाघाट डिग्री कॉलेज में गत वर्ष से बीए व बीकॉम की कक्षाएं भी शुरू हो गई थी। इनमें करीब 120 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया था इस बार कॉलेज में द्वितीय वर्ष में 61 विद्यार्थियों की एडमिशन हो चुकी है। लेकिन कॉलेज में आधारभूत सुविधाएं अभी तक उपलब्ध नहीं करवाई गई हैं।
यहां कक्षाएं लगाने के लिए कोई भी सुविधा नहीं है। अस्थायी भवन में कक्षाएं लगाई जा रही हैं। एनएच के बिल्कुल साथ ही खुले इस कॉलेज तक पहुंचना ही खतरे से खाली नहीं है। कॉलेज के सामने पेट्रोल पंप है।
गत वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से दाड़लाघाट कॉलेज भवन का शिलान्यास किया था। भूमि कॉलेज के नाम ट्रांसफर हो चुकी है और कॉलेज भवन के लिए प्रथम चरण में 11 लाख का बजट भी स्वीकृत हो चुका है। बावजूद इसके भवन निर्माण को लटकाया जा रहा है। अस्थायी कैंपस में न तो विद्यार्थियों के लिए खुला परिसर है और न ही पुस्तकालय। इस भवन में 10 कमरे व एक हॉल है। अभी तो दो सत्र के विद्यार्थी यहा पढ़ाई कर रहे हैं। नया सत्र शुरू होने पर दिक्कत और बढ़ेगी। कॉलेज प्राचार्य सहित सात शिक्षक नियुक्त किए गए हैं, जबकि हिंदी व वाणिज्य के शिक्षक का पद खाली है। प्रतिनियुक्ति पर इन विषयों को पढ़ाया जा रहा है। पंचायत समिति के उपाध्यक्ष जगदीश ठाकुर का कहना है कि कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए अलग से सरकारी बस सुविधा भी नहीं है। विद्यार्थियों को पानी पीने के लिए सड़क पार कर पेट्रोल पंप के प्याऊ पर जाना पड़ता है, जो खतरे से खाली नहीं है।
कॉलेज के प्राचार्य राकेश शर्मा ने बताया कि भवन बनाने के लिए उच्च अधिकारियों से पत्राचार किया गया है। निदेशक शिक्षा विभाग अमरजीत के शर्मा ने बताया कि इसका एस्टीमेट आ गया है। 11 लाख रुपये की टोकन मनी जारी कर दी है। पांच करोड़ का बजट स्वीकृति के लिए भेज दिया है। जैसे ही इसकी स्वीकृति आएगी भवन का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।