कामगारों के पंजीकरण के लिए पांच से चलेगा अभियान
जिला में सभी कामगारों व उनके परिवार को बेहतर सुविधाएं मिलें इसके लिए सरकार की ओर से कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं।
जागरण संवाददाता, नाहन : जिला में सभी कामगारों व उनके परिवार को बेहतर सुविधाएं मिलें, इसके लिए सरकार की ओर से हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के माध्यम से कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिला के सभी विकास खंडों में पांच से 30 जुलाई तक पंजीकरण के लिए व्यापक अभियान चलाया जाएगा।
यह जानकारी उपायुक्त राम कुमार गौतम ने दी। उन्होंने बताया कि पंजीकृत कामगार को 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद एक हजार रुपये पेंशन का भी प्रविधान है। दुर्घटना या बीमारी के कारण दिव्यांग हुए कामगार को 500 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जाती है। 50 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग होने पर 50 हजार व इससे कम दिव्यांगता पर 25000 रुपये आर्थिक मदद दी जाती है। दुर्घटना में मृत्यु होने पर परिवार को चार लाख रुपये राहत राशि दी जाती है। प्राकृतिक मृत्यु पर दो लाख रुपये दिए जाते हैं। अंतिम संस्कार के लिए भी 20 हजार रुपये दिए जाते हैं। पंजीकृत लाभार्थियों को सरकारी अस्पताल या अनुमोदित निजी अस्पतालों से चिकित्सा बिल प्रस्तुत करने पर प्रतिवर्ष बाह्य उपचार के लिए 50 हजार, इंडोर चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए एक लाख व गंभीर बीमारी पर पांच लाख रुपये दिए जाते हैं। पंजीकृत कामगारों के दो बच्चों की पढ़ाई के लिए प्रति वर्ष पहली से आठवीं कक्षा तक 8400, नौंवीं से जमा दो कक्षा तक 12000, बीए, बीएससी, बीकाम व बीबीए के लिए 36000, स्नातकोत्तर कला, वाणिज्य व विज्ञान के लिए 60000 रुपये का प्रविधान है। एक, दो व तीन वर्ष के डिप्लोमा के लिए 48000 हजार रुपये दिए जाते हैं। मेडिकल, इंजीनियरिग, पीएचडी व अनुसंधान के लिए 1.20 लाख रुपये मदद दी जाती है। पंजीकृत महिला लाभार्थी को प्रसव अवधि के समय या बच्चे के जन्म पर 25000 रुपये मदद मिलती है।
पंजीकृत कामगार को अपनी व दो बच्चों की शादी के लिए 51-51 हजार रुपये दिए जाते हैं। अब तक जिला में 15300 लोग योजना के तहत पंजीकृत किए गए हैं। इनमें 4892 मनरेगा मजदूर व 10408 अन्य पंजीकृत किए गए हैं। 11331 लोगों को अब तक छह करोड 99 लाख 35 हजार रुपये आर्थिक मदद दी गई है। पंजीकरण के लिए कामगार की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। उसने पंजीकरण से पहले 90 दिन जिला के किसी भी ठेकेदार के पास निर्माण कार्य या मनरेगा में कार्य किया हो। उपायुक्त ने श्रम विभाग के अधिकारी जितेंद्र बिंद्रा को निर्देश दिए कि कोरोना काल से पहले निर्माण कार्य में कार्य कर रहे लोगों के कार्य दिन और वर्तमान के कार्य दिन को जोड़कर कामगार को भी इस योजना के अंतर्गत लाभ दिया जाए। पंजीकरण के लिए ग्राम रोजगार सेवकों की मदद ली जाएगी।