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ये कैसे स्कूल, कॉपी के साथ बेच रहे नाम

सोलन शहर में स्कूल प्रबंधन व चंद पुस्तक विक्रेताओं की मिलीभगत से अभिभावकों को शिक्षण सामग्री खरीदने में लाखों रूपए की चपत लग रही है। महंगाई के इस दौर में अभिभावकों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है और दूसरी तरफ स्कूल प्रबंधन व पुस्तक विक्रेता खूब चांदी बटोर रहे हैं। आलम यह है की स्कूल प्रबंधन द्वारा शहर के चुनिदा पुस्तक विक्रेताओं के पास ही स्कूल का नाम लिखी कॉपियां उपलब्ध हो पा रही हैं। इनकी कीमत बाजार में अन्य पुस्तक विक्रेताओं के पास मौजूद कॉपी से दोगुनी है। बिना स्कूल का नाम लिखी कॉपी जहां बाजार में 25 से 30 रूपए में मिल रही है वहीं स्कूल का नाम लिखी कॉपी की कीमत 45 से पचास

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 11:38 PM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 06:25 AM (IST)
ये कैसे स्कूल, कॉपी के साथ बेच रहे नाम
ये कैसे स्कूल, कॉपी के साथ बेच रहे नाम

विनोद कुमार, सोलन

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जिला मुख्यालय सोलन में कुछ स्कूल प्रबंधकों व पुस्तक विक्रेताओं की मिलीभगत से अभिभावकों को शिक्षण सामग्री की खरीद में सैकड़ों रुपये की चपत लग रही है। कुछ स्कूल प्रबंधकों की ओर से स्कूल का नाम लिखी कॉपी व किताबें चुनिंदा पुस्तक विक्रेताओं के पास ही मिल रही हैं। ऐसे में अभिभावकों को मजबूरन स्कूल प्रबंधन द्वारा चिन्हित विक्रेताओं से कॉपी व किताबें दोगुने दाम पर खरीदनी पड़ रही हैं। शिक्षा विभाग ने बीते वर्ष भी ऐसे मामलों पर संज्ञान लेते हुए निर्देश जारी किए थे, लेकिन सुधार नहीं हो पाया है। परिजनों का कहना है कि उन पर स्कूल द्वारा दबाव बनाया जाता है और वह इस लूट का शिकार हो रहे हैं। साथ ही पुस्तक विक्रेताओं पर नकली बिल बनाकर नियमों को दरकिनार करने का आरोप है। बीते वर्ष अभिभावकों ने इसका विरोध किया था और उसके बाद मामला शांत हो गया। अब नया सत्र शुरू होते ही यह कारोबार फिर पनपने लगा है। कॉपी के मूल्य में अंतर

पेज, बिना नाम मूल्य, नाम के साथ मूल्य

समान्य कॉपी

112,25,45

ड्राइंग फाइल

64,60,100 फोन पर बता दिया..यहां से लें नाम लिखी कॉपियां

कुछ अभिभावकों ने नाम नहीं छापने पर बताया कि स्कूल प्रबंधन द्वारा स्कूल खुलने से पहले फोन में संदेश भेजकर सूचित कर दिया गया था कि नाम लिखी कॉपियां कहां मिलेंगी। सोलन के मॉल रोड स्थित कई पुस्तक विक्रेताओं ने बताया कि उनके पास स्कूल का नाम लिखी कॉपियां उपलब्ध नहीं हैं। यह शहर के चुनिंदा दुकानदारों के पास ही उपलब्ध हैं।

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पिछले साल भी ऐसे मामले सामने आए थे। शिक्षा विभाग ने स्कूलों को निर्देश दिया था कि बिना स्कूल का नाम लिखी कॉपी मान्य होगी। यदि इस तरह का मामला संज्ञान में आता है तो कार्रवाई की जाएगी।

योगेंद्र मखैक, उपनिदेशक उच्च शिक्षा, सोलन।

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इस साल सोलन में अभी तक बिना बिल के शिक्षण सामाग्री बेचने का कोई मामला सामने नहीं आया है। अगर कोई बिना बिल के शिक्षण सामग्री बेचते पाया गया तो उससे दस हजार रुपये जुर्माना वसूल किया जाएगा।

-हिमांशु पंवर, सहायक आयुक्त, आबकारी एवं कराधान विभाग,सोलन।


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