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सोलन हादसा: शादी में जाता तो बच जाती साहिल की जान

हादसे का शिकार हुए दोनों छात्र यूनिवर्सिटी से सोलन की तरफ निकले थे। एक छात्र होटल मैनेजमेंट का छात्र है और दूसरा बीटेक की पढ़ाई कर रहा था

By BabitaEdited By: Published: Sat, 12 May 2018 03:36 PM (IST)Updated: Sat, 12 May 2018 03:36 PM (IST)
सोलन हादसा: शादी में जाता तो बच जाती साहिल की जान
सोलन हादसा: शादी में जाता तो बच जाती साहिल की जान

सोलन, जेएनएन। सड़क हादसे में दो छात्रों की हुई दर्दनाक मौत ने प्रदेश को फिर गमगीन कर दिया है। सड़क हादसे में मौत का शिकार हुए साहिल ठाकुर का परिवार मंडी के जोगिंद्रनगर में अपनी भानजी की शादी में बरात का इंतजार कर रहा था, लेकिन सोलन से चिकित्सकों का संदेशा साहिल के परिवार व रिश्तेदारों को जैसे ही मिला उनके पैरों तले जमीन खिसक गई।

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हादसे के बाद सोलन के शूलिनी विश्वविद्यालय व जोगिंद्र नगर में मातम छा गया। सूत्रों ने बताया कि हादसे का शिकार हुए दोनों छात्र यूनिवर्सिटी से सोलन की तरफ निकले थे। एक छात्र होटल मैनेजमेंट का छात्र है और दूसरा बीटेक की पढ़ाई कर रहा था। यूनिवर्सिटी में शुक्रवार के दिन छात्रों का प्रेक्टिकल था। इस प्रेक्टिकल में इन्हें बैठने नहीं दिया और यह वहां से सोलन की तरफ निकल पड़े, लेकिन कुछ ही दूरी पर चलकर वह हादसे में अपनी जान गंवा बैठे। बताया जा रहा है कि साहिल अपनी कजन सिस्टर की शादी में प्रेक्टिकल के चलते नहीं गया था और वह यहां आइटीआइ कॉलोनी सोलन में अकेला था। अगर उसे पता होता कि उसका प्रेक्टिकल भी नहीं होगा तो वह शायद जोगिंद्र नगर में बहन की शादी में होता।  

बताया जा रहा है कि साहिल कभी मोटर साइकिल पर नहीं बैठता था लेकिन शुक्रवार के दिन किसी जरूरी काम से वह सोलन के लिए निकले थे। वह पीछे बैठा था जबकि आशीष बाइक चला रहा था। हादसे में घायल हुए दोनों छात्रों में एक की हालत इतनी गंभीर थी कि उसके शरीर के आर्गन भी बाहर आ गए थे।

यूनिवर्सिटी में मातम 

यूनिवर्सिटी के पदाधिकारी जेएम जुलका ने कहा कि हादसे के बाद यूनिवर्सिटी में मातम का माहौल है। दाह संस्कार चंबाघाट में किया गया जहां यूनिवर्सिटी के पदाधिकारी पहुंचे और परिवार का दुख साझा किया।  

शव देख मां की तबीयत बिगड़ी

बाइक चला रहे आशीष त्यागी (19) की मौत के बाद उसका परिवार अस्पताल पहुंचा और बेटे का शव देखकर उसकी मां की तबीयत खराब हो गई। उन्हें कुछ समय के लिए इमरजेंसी में रखा गया और कुछ समय तक वहां रखने के बाद रिलीव किया गया। आशीष त्यागी चंबाघाट में अपने परिवार के साथ रहता था वहीं दिल्ली के उत्तम नगर में भी उनका घर था। 

हेलमेट पहने होते तो बच जाती जान

दर्दनाक सड़क हादसे में जिन दो छात्रों की जान गई उन दोनों छात्रों ने हेलमेट नहीं पहना था। दोनों के सिर में गहरी चोटें आई और वह मौके पर ही जान गंवा बैठे। पुलिस ने बताया कि मौके से एक हेलमेट मिला है, हेलमेट पहना था या नहीं इस बात का अब तक कोई सबूत नहीं है।   


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