युवाओं को बताया स्टार्टअप योजना में कैसे करें पंजीकरण
प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना पर नौणी विवि में एक दिवसीय क
संवाद सहयोगी, सोलन : प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री स्टार्टअप योजना पर नौणी विवि में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में विवि के व्यापार प्रबंधन, खाद्य प्रौद्योगिकी व सामाजिक विज्ञान विभाग के विद्यार्थियों ने भाग लिया।
विवि के संयुक्त निदेशक (अनुसंधान) डॉ. मनोज वैद्य ने मुख्यमंत्री स्टार्टअप/इनोवेशन प्रोजेक्ट्स/न्यू इंडस्ट्रीज स्कीम के तहत स्थापित विभिन्न इनक्यूबेशन सेंटरों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि इस योजना का उद्देश्य शिक्षित युवाओं को नौकरी तलाशने वालों से नौकरी प्रदाताओं में बदलना और राज्य में स्टार्टअप और इनोवेशन प्रोजेक्ट को समर्थन देना है। इस परियोजना में एचपीसीईडी के सलाहकार अबुल हसन ने स्टार्टअप योजना के उद्देश्यों और उससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें कार्यक्रम में मौजूद छात्रों से साझा की। योजना में पंजीकरण करने की प्रक्रिया भी समझाई। सोलन जिला के इंडस्ट्रीज सेंटर में प्रबंधक नेहा चौहान ने स्टार्टअप और नए उद्योग की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा दिए जा रहे समर्थन के बारे में अवगत करवाया। शिमला के साहिल दत्ता, जिनकी सौ प्रतिशत प्राकृतिक कार्यात्मक फलों के जूस की परियोजना को इस स्टार्टअप स्कीम के तहत मंजूरी मिली है, ने भी प्रतिभागियों के साथ अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने इस योजना में अपने नए इनोवेशन प्रोजेक्ट्स को रजिस्टर करने का आग्रह किया। साहिल जल्द ही प्राणिक ब्राड के तहत अपने उत्पादों को लांच करेंगे।
कार्यशाला के अंत में एक सेशन किया गया, जिसमें छात्रों ने अपने नए स्टार्टअप के विचार प्रस्तुत किए। मुख्यमंत्री की स्टार्टअप योजना में संभावित उद्यमियों को व्यावहारिक ज्ञान, अभिविन्यास प्रशिक्षण और उद्यमी मार्गदर्शन दिया जाता है। मेजबान संस्थान द्वारा परियोजना की सिफारिश और अधिकारिक समिति द्वारा अनुमोदित किए जाने के बाद एक वर्ष के लिए 25 हजार रुपये का मासिक समर्थन भत्ता भी दिया जाता है। पिछले साल नौणी विवि में इस योजना के तहत एक इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किया गया था। इनक्यूबेशन सेंटर सलाहकार सेवाएं प्रदान करके स्टार्टअप और नवाचार का समर्थन करते हैं और इसकी प्रयोगशालाओं और सुविधाओं को भी मुफ्त में इस्तेमाल किया जा सकता है।