10 साल बाद पत्नियां आमने-सामने
विकास खंड कंडाघाट में जिला परिषद के वार्ड पांच श्रीनगर में राजनीति फिर
सुनील शर्मा, सोलन
विकास खंड कंडाघाट में जिला परिषद के वार्ड पांच श्रीनगर में राजनीति फिर उसी मोड़ पर आकर अटक गई है, जिस मोड़ पर 10 वर्ष पहले थी। वार्ड पांच कांग्रेस का गढ़ था लेकिन बागी यहां खेल बिगाड़ते रहे हैं। यहां दो बड़े कांग्रेस नेताओं में वर्चस्व की जंग है। 2010 में दो कांग्रेस नेताओं ने इस वार्ड से जिला परिषद का चुनाव लड़ा था। अब दोनों की पत्नियां चुनाव मैदान में आमने-सामने हैं।
कांग्रेस का गढ़ कहा जाने वाला कंडाघाट क्षेत्र बगावत से जूझ रहा है। यहां कांग्रेस की बगावत का फायदा कई वर्षों से भाजपा को मिलता रहा है। पिछली बार कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी इस वार्ड में जीता था। इस बार जिला परिषद की सीट महिला के लिए आरक्षित है। अब इन्हीं दो परिवारों की वर्चस्व की लड़ाई फिर शुरू हो गई है। 10 वर्ष में यहां राजनीतिक हालात नहीं बदले हैं। 2010 में हुए जिला परिषद के चुनाव में कांग्रेस समर्थित नारायण ठाकुर व आजाद प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस नेता रमेश ठाकुर ने भी चुनाव लड़ा था। इसका फायदा भाजपा समर्थित धर्म सिंह को मिला और वह जीत गए थे। श्रीनगर वार्ड में चार उम्मीदवार जिला परिषद का चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें कांग्रेस समर्थित निर्मला ठाकुर पत्नी नारायण ठाकुर, लीला देवी पत्नी रमेश ठाकुर, जो कांग्रेस विचारधारा से हैं चुनाव लड़ रही हैं। भाजपा समर्थित सुनीता रोहाल भी चुनाव मैदान में है। आजाद प्रत्याशी रीता ठाकुर ने भी दावेदारी जताई है। सभी चारों प्रत्याशी राजनीतिक मैदान के महारथ हैं। रीता ठाकुर पूर्व बीडीसी सदस्य है और लीला देवी जिला परिषद सदस्य रह चुकी है। सुनीता रोहाल दो बार पंचायत प्रधान व एक बार बीडीसी सदस्य रह चुकी है। निर्मला ठाकुर भी पंचायत प्रधान रह चुकी है।
इस वार्ड में 20,900 मतदाता प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। जिला परिषद में 20 पंचायतें शामिल हैं। इनमें कोट, हिन्नर, रेहड, वाकना, छावशा, पौधना, देलगी, क्वारग, श्रीनगर, मही, सैंज, बीशा, बाशा, तुंदल, सकोडी, झाजा, चायल, नगाली व बांझणी शामिल हैं।