युवाओं को क्यों भा रही है, बुलेट की सवारी
शहर हो या गांव हर जगह युवाओं में बुलेट का क्रेज सिर चढ़कर बोल रहा है। बुलेट अब युवाओं का लाइफस्टलाइल बन चुकी है।
नाहन, राजन पुंडीर। आधुनिकता की दौड़ में शहर व गांव के लोगों का लाइफ स्टाइल बदलने लगा है। शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों के युवा भी रफ एंड टफ नजर आने लगे हैं। कभी शहरों तक सीमित रहने वाले बुलेट की सवारी अब ग्रामीण क्षेत्रों के युवा भी जमकर कर रहे है। जिला सिरमौर में पांच साल से बुलेट का क्रेज युवाओं में सिर चढ़कर बोल रहा है। जिसका मुख्य कारण बुलेट में कंपनी की ओर से सेल्फ स्टार्ट की सुविधा देना है।
करीब पांच साल पहले बुलेट बनने वाली रॉयल इनफील्ड कंपनी ने प्रतिस्पर्धा के दौर में बने रहने व माग को देखते हुए सभी मॉडलों में संशोधन करते हुए उन्हें सेल्फ स्टार्ट की सुविधा देने शुरू की। वहीं कंपनी ने अब बुलेट का वजन भी 250 किलोग्राम से घटाकर 192 किलोग्राम कर दिया है। उसके बाद बुलेट के चाहने वालों की फेहरिस्त लगातार बढ़ने लगी। बुलेट के चाहने वालों की फेहरिस्त आज इतनी लंबी हो चुकी है कि दुबला-पतला युवा जिसका खुद का वजन 50 किलोग्राम से भी कम है, वह भी 200 किलोग्राम वजन की बुलेट पर सवार नजर आता है।
मॉडल बाजार में उपलब्ध रॉयल एनफील्ड बुलेट का जिला सिरमौर में एकमात्र शोरूम पावटा साहिब में है। शोरूम में बुलेट के सभी पाच मॉडल सभी रगों के साथ उपलब्ध हैं। रॉयल इनफील्ड बुलेट 350, रॉयल एनफील्ड बुलेट 500, रॉयल थंडरबर्ड 350, रॉयल इनफील्ड थंडरबर्ड 500, रॉयल एनफील्ड क्लासिक 350, बुलेट थंडरबर्ड ट्विन स्पार्क व बुलेट इलेक्ट्रा ट्विन स्पार्क है। पावटा साहिब में बुलेट के दाम दूसरे शहरों व राज्यों से थोड़े कम है। रॉयल इनफील्ड बुलेट 350 की कीमत पावटा में एक लाख 15 हजार 183 रुपये है, जबकि क्लासिक 350 का मूल्य एक लाख 38 हजार 115 रुपये है। अन्य मॉडल के मूल्य एक लाख 72 हजार रुपये तक है।
रॉयल इनफील्ड बुलेट एक लीटर पेट्रोल में 37 किलोमीटर से अधिक की माइलेज देती है रॉयल एनफील्ड। कंपनी ने जब से मॉडलों में संशोधन किया है, उसके बाद बुलेट की एवरेज बढ़ गई है। रॉयल इनफील्ड की बुलेट जो पहले 20 से 25 किलोमीटर प्रतिलीटर पेट्रोल की एवरेज देती थी। वही बुलेट अब 37 किलोमीटर प्रतिलीटर से लेकर 40 किलोमीटर प्रतिलीटर तक की एवरेज दे रहा है। एक समय में शहर व ग्रामीण युवाओं के पास मोटरसाइकिल ही नजर आते थे। मगर तीन साल से हर पांचवें ग्रामीण व शहरी युवा के पास बुलेट नजर आती है। जोकि अब युवाओं का लाइफ स्टाइल बन चुका है। क्योंकि बुलेट को शुरू से ही शान की सवारी कहा जाता है।