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शैवेंद्र लाए थे विश्व स्पेशल विंटर ओलंपिक में दो सिल्वर मेडल

राजन पुंडीर, नाहन इरादे बुलंद हो तो उम्र और परिस्थितिया कभी सफलता के आड़े नहीं आती। जिल

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 07:48 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 07:48 PM (IST)
शैवेंद्र लाए थे विश्व स्पेशल विंटर ओलंपिक में दो सिल्वर मेडल
शैवेंद्र लाए थे विश्व स्पेशल विंटर ओलंपिक में दो सिल्वर मेडल

राजन पुंडीर, नाहन

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इरादे बुलंद हो तो उम्र और परिस्थितिया कभी सफलता के आड़े नहीं आती। जिला सिरमौर के पच्छाद विकास खंड की बाग-पशोग पंचायत के सेरभराल निवासी शैवेंद्र सिंह ने मूक बधिर होने के बावजूद ऐसा ही कुछ कर दिखाया था। शैवेंद्र ने विश्व स्पेशल विंटर ओलंपिक 2008-09 में भारतीय टीम के सदस्य के रूप में चयनित हुए और शैवेंद्र ने स्कीइंग में भारत के लिए दो सिल्वर मेडल लाए थे। शैवेंद्र बचपन से ही मूक बधिर हैं, फिर भी माता पिता ने उन्हें बोझ नहीं माना। पढ़ाई व खेलकूद में रुचि को देखते हुए उसे शिमला, नाहन व नारायणगढ़ स्पेशल बच्चों के स्कूल में रखा। 2008-09 में जब शैवेंद्र आस्था स्पेशल स्कूल नाहन के छात्र थे, तो उनका चयन विश्व स्पेशल विंटर ओलंपिक के लिए हुआ। इस दौरान शैवेंद्र ने अमेरिका के दबाहू शहर में करीब एक महीने तक चले ओलंपिक प्रतियोगिता में स्कीइंग प्रतियोगिता में दो सिल्वर मेडल लाए थे। शैवेंद्र के पिता सुरेंद्र सिंह पुंडीर अग्निशमन विभाग से सेवानिवृत्त है। उन्होंने बताया कि बचपन से ही शैवेंद्र को खेलों का बहुत शौक था, इसलिए उसे स्पेशल बच्चों के स्कूलों में कई जगह दाखिला दिलवाया गया और वहा पर होने वाले सभी खेलकूद प्रतियोगिताओं में शिवेंद्र हमेशा ही कोई न कोई पदक जीत कर आता था। मई 2018 में शैवेंद्र की शादी मूक बधिर निशा से की गई हैं। दोनों अच्छी तरह से जीवन यापन कर रहे हैं। शैवेंद्र ओपन स्कूल से दसवीं परीक्षा की तैयारिया कर रहा हैं। शैवेंद्र बाइक व कार चलाने में भी निपुण है।


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