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सिरमौर जिला में हैं अनूठी है मकर संक्रांति मनाने की परंपरा

मकर-सक्रांति का त्यौहार जहां पूरे देश में सूर्यदेव की अराधना व लोहडी का पर्व अग्निदेव कीे तिल एवं गुड से पूजा के साथ मनाया जाता है। वहीं पर सिरमौर जिला के गिरिपार क्षेत्र में बूढ़ी दिवाली के उपरान्त माघी त्यौहार का पर्व बडे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। कालांतर से गिरिपार क्षेत्र में माघी त्यौहार पर बलि प्रथा का विधान है, जोकि वर्तमान में भी कायम है। मगर मंहगाई के इस दौर में अब काफी लोग बलि प्रथा को तिलांजलि देने लग गए है। माघी त्यौहार को लोगों ने पारंपरिक व्यंजनों के साथ मनाना आरंभ कर दिया है। जिला लोक संपर्क अधिकारी बीआर चौहान ने बताया कि माघी पर्व लोग अपने आराध्य पीठासीन देवता की पारंपरिक ढंग से पूजा अर्चना भी करते हैं। विशेषकर जिला सिरमौर में चार बड़ी साजी अर्थात सक्रांति पर देव पूजा की परंपरा

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Jan 2019 06:16 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2019 06:16 PM (IST)
सिरमौर जिला में हैं अनूठी है 
मकर संक्रांति मनाने की परंपरा
सिरमौर जिला में हैं अनूठी है मकर संक्रांति मनाने की परंपरा

जागरण संवाददाता, नाहन : सिरमौर जिला के गिरिपार क्षेत्र में बूढ़ी दिवाली के उपरात माघी का पर्व हर्षोल्लास से मनाया जाता है। कालांतर से गिरिपार क्षेत्र में लोग अलग तरीके से माघी का त्योहार मनाते हैं। अब लोग कई प्रथाओं को त्याग कर पारंपरिक व्यंजनों के साथ इस त्योहार को मनाते हैं। जिला लोक संपर्क अधिकारी बीआर चौहान ने बताया कि जिला सिरमौर में चार बड़ी साजी अर्थात संक्रांति पर देव पूजा की परंपरा प्रचलित है। इसमें वीशू अर्थात बैशाख संक्रांति, हरियाली, दिवाली और माघी अर्थात मकर संक्रांति शामिल है। लोगों की आस्था है कि इन चार बड़ी साजी पर पीठासीन देवता की पूजा से देवी देवता प्रसन्न होते है और क्षेत्र में समृद्धि व खुशहाली का सूत्रपात होता है। माघी पर्व पर लोग अपने सगे संबंधियों विशेषकर बेटियों को आमंत्रित करके कई दिन तक त्योहार मनाते हैं। गिरिपार क्षेत्र की 125 पंचायतों में लगभग 44 हजार परिवार रहते है। इस क्षेत्र के साथ लगते उत्तराखंड के जौनसार-बाबरक्षेत्र में भी माघी को पांरपरिक तरह के साथ मनाने की प्रथा प्रचलित है। माघी त्योहार का जश्न गिरिपार क्षेत्र में लगभग एक सप्ताह तक मनाया जाता है। इस वर्ष भी यह त्योहार 12 जनवरी से आरंभ हो गया है। इसमें विभिन्न गांव में अलग-अलग तिथियों में यह त्योहार मनाया जा रहा है। विशेषकर सर्दियों को मध्यनजर रखते हुए लोग पारंपरिक व्यंजन भी बनाते है जबकि सिरमौर के अन्य क्षेत्रों में मकर संक्रांति का त्योहार खिचड़ी बनाने एवं दान करने के साथ मनाया जाता है। जिला के उपरी क्षेत्रों को सक्रांति के दिन लोग अपने अराध्यदेव के मंदिर में जाकर पारंपरिक पूजा करते है।

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