रथ पर सवार होकर निकले भगवान जगन्नाथ
उत्तर भारत के एकमात्र श्रीजगन्नाथ मंदिर नाहन से रविवार को रथयात्रा निकाली।
जागरण संवाददाता, नाहन : उत्तर भारत के एकमात्र श्रीजगन्नाथ मंदिर नाहन से रविवार को रथयात्रा निकाली गई। इसमें भाग लेने के लिए शनिवार सायं से ही शहर में श्रद्धालु पहुंचना शुरू हो गए थे। रविवार सुबह ही हजारों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ मंदिर बड़ा चौक में एकत्र हो गए। जैसे ही भगवान श्रीजगन्नाथ, माता सुभद्रा व बलराम पालकी में सवार होकर मंदिर से बाहर निकले तो हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आतुर हो गए। यात्रा सुबह नौ बजे मंदिर से शुरू हुई।
पालकियों में आरुढ़ होकर भगवान जगन्नाथ करीब 11 बजे चौगान मैदान पहुचे। यहा विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने पूजा-अर्चना व भोग लगाया। इसके बाद भगवान को रथ पर सवार किया और उनके वस्त्र बदले, फिर आरती की गई। भगवान से आदेश मिलते ही श्रद्धालुओं ने रस्से को खिंचना शुरू किया। इस दौरान जयकारों से पूरा शहर गूंज उठा। डॉ. बिंदल ने यात्रा में परिवार सहित भाग लिया। रथ यात्रा चौगान से शुरू होकर, मालरोड, गुन्नुघाट, पक्का टैक, कच्चा टैक से होते हुए छोटा चौक से मंदिर श्रीजगन्नाथ पहुंची। इससे पहले गुरुद्वारा श्रीदशमेश साहिब और मस्जिद में भगवान जगन्नाथ, माता सुभद्रा व भगवान बलराम का स्वागत किया गया।
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देश में भगवान जगन्नाथ के तीन मंदिर
भारत में भगवान जगन्नाथ के तीन मंदिर हैं। नाहन मंदिर इनमें से एक है। भगवान जगन्नाथ के प्राचीन मंदिर नाहन में बाबा बनवारी दास ने तप किया था। राज महल से बाबा बनवारी दास व माता बाला सुंदरी की पूजा के बाद भगवान जगन्नाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की जाती है।