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वर्षा जल संग्रहण के लिए कवायद शुरू

जल संग्रहण और पारंपरिक जलस्रोतों को सहेजने के लिए जिला प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 05:32 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 05:32 PM (IST)
वर्षा जल संग्रहण के लिए कवायद शुरू
वर्षा जल संग्रहण के लिए कवायद शुरू

जागरण संवाददाता, नाहन : जल संग्रहण और पारंपरिक जलस्रोतों को सहेजने के लिए जिला प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है। नाहन के उपायुक्त कार्यालय के सभागार में जलशक्ति विभाग की ओर से कैच द रेन अभियान के तहत जल संग्रह के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की गई। अध्यक्षता उपायुक्त सिरमौर डा. आरके परुथी ने की। सूखा प्रभावित क्षेत्रों में इस अभियान के तहत अधिक कार्य करने और जलस्रोतों के संरक्षण और संवर्धन पर बल देने पर चर्चा की गई।

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उपायुक्त ने जलशक्ति विभाग, राजस्व विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, वन विभाग की कार्यकारी कमेटी गठित करने और अन्य विभागों को इस कमेटी की देखरेख में कार्य करने के निर्देश दिए। नेहरू युवा केंद्र और ग्रामीण विकास विभाग के तहत सभी गैर सरकारी संगठन के सदस्यों और युवक मंडलों को अभियान से जोड़ने के निर्देश दिए।

उन्होंने बताया कि जिला में जलशक्ति विभाग की तकनीकी सहायता से सभी पंचायतों, स्कूलों और अन्य चयनित स्थानों पर वाटर हार्वेस्टिंग के लिए गड्ढे, रूफ टाफ टैंक का निर्माण करना और चेकडैम बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि कैच द रेन अभियान के तहत सिरमौर में जल संरक्षण के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने तथा पारंपरिक जलस्रोतों के के संरक्षण और संवर्धन पर विशेष बल दिया जा रहा है। उन्होंने जलशक्ति विभाग तथा पंचायतीराज विभाग से कहा कि वे जिला के पारंपरिक जलस्रोत, बावड़ियों, कुओं इत्यादि की सूची एकत्रित कर डाटा तैयार करें ताकि इन्हें मिशन मोड में ठीक करवाया जा सके।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से पर्वतधारा योजना की घोषणा के बाद सिरमौर में इस योजना के तहत जामन की सैर और काटली पंचायत को चयनित किया गया है, जिसके तहत जिला के सात विभाग जिसमें ग्रामीण विकास, वन, जल शक्ति, कृषि, उद्यान, पर्यटन, मत्स्य पालन व हिम उर्जा के माध्यम से 5.18 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं। इस योजना के तहत विलुप्त हो रहे जलस्रोतों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। जलशक्ति विभाग इन पंचायतों में मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए छोटे बड़े चेकडैम का निर्माण करेगा और 20 कूहलों व जोहड़ की मरम्मत की जाएगी।


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